'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क चलाने के आरोपी चीनी नागरिक को जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट हाल ही में भारत में वीज़ा अवधि से अधिक समय तक रहने और विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपी एक चीनी अधिकारी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने साथ ही अपने फैसले में भारत में व्यापार में शामिल विदेशी नागरिकों के आपराधिक मुकदमों को संबोधित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित किया।
जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने चीनी नागरिक रेयान @ रेन चाओ को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, "अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क जो चीनी नागरिकों द्वारा भारतीय सहयोगियों के साथ प्रबंधित किए जाते हैं, जैसा कि इस मामले में है, राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं... अपराध को और भी गंभीर बनाने वाली बात यह है कि अपराध की आय के कई लाभार्थी विदेश में रहने वाले विदेशी हैं जो भारतीय कानून के अधीन भी नहीं हैं और जिनकी पहचान प्रभावी रूप से छिपी हुई है।"
हाईकोर्ट ने अपने 33-पृष्ठ के आदेश में जज ने विदेशी नागरिकों पर मुकदमा चलाने में भारतीय न्यायिक अधिकारियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें क्षेत्राधिकार संबंधी मुद्दों और कानूनी कार्यवाही के दौरान उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने में कठिनाई का हवाला दिया गया।
भारतीय संविधान और कानून के शासन को बनाए रखना सर्वोपरि है, इस पर जोर देते हुए न्यायालय ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए विदेशी व्यवसायों और व्यक्तियों को भारतीय कानूनों का पालन करना चाहिए और भारतीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के अधीन होना चाहिए। इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि विदेशी नागरिकों को छूट देने से भारत की संप्रभुता और संवैधानिक ढांचे को नुकसान पहुंचेगा।
न्यायालय ने टिप्पणी की, "भारतीय कानून के डर के बिना भारतीय हितों के खिलाफ काम करने वाली विदेशी संस्थाओं की यादें इतनी ज्वलंत हैं कि उन्हें याद नहीं किया जा सकता। अंतर्राष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना काम करने वाले विदेशी हितों की लूट इतनी गंभीर है कि उसे दोहराया नहीं जा सकता।"
केस टाइटलः रेयान @ रेन चाओ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2024 लाइव लॉ (एबी) 473
केस साइटेशन: 2024 लाइव लॉ (एबी) 473