SRM यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ जांच की मांग

Update: 2025-09-09 12:30 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें यूपी पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। आरोप है कि बाराबंकी जिले में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे अमान्यता प्राप्त लॉ कोर्स के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे विधि छात्रों के साथ पुलिस ने बेहद बर्बरता से पेश आया।

एडवोकेट आशीष कुमार सिंह ने याचिका में मांग की है कि 4 सितंबर को हुई इस घटना की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग बनाया जाए। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने बिना वजह छात्रों को पीटा, महिलाओं के साथ भी असभ्य व्यवहार किया और उनका सम्मान भंग किया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह घटना संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 के तहत छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि सरकार ने जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सौंप दी, जो गलत है क्योंकि इससे न्याय निष्पक्ष नहीं रह पाएगा।

याचिका में यह भी बताया गया कि श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी बिना बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की अनुमति के लॉ कोर्स चला रही है, जिससे छात्रों का करियर खतरे में है।

याचिका में कोर्ट से यह मांग की गई है कि:

1. पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई हो।

2. विश्वविद्यालय को बिना BCI मान्यता के लॉ कोर्स चलाने से रोका जाए।

3. घायल छात्रों का चिकित्सा, मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।

8 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोट किया कि विश्वविद्यालय को अभी तक पक्षकार नहीं बनाया गया है। इसलिए याचिकाकर्ता को विश्वविद्यालय को प्रतिवादी बनाने की अनुमति दी गई और मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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