'इसी तरह की याचिका 2020 में खारिज कर दी गई थी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट का नाम बदलकर 'यूपी हाईकोर्ट' करने की जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (तीन जुलाई, 2024) को एक जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें हाईकोर्ट का नाम बदलकर "उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट" करने की मांग की गई थी। यह सुनवाई आधिकारिक दस्तावेजों में इस आधार पर स्थगित कर दी गई कि याचिकाकर्ता के एडवोकेट द्वारा स्वयं समान राहत की मांग करते हुए दायर की गई जनहित याचिका को 2020 में खारिज कर दिया गया था।
जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक पांडे से स्पष्ट रूप से पूछा कि उन्होंने उनके नाम से दायर जनहित याचिका को खारिज किए जाने के बारे में तथ्य का खुलासा क्यों नहीं किया, जिसमें समान राहत हाईकोर्ट का नाम बदलकर प्रयागराज हाईकोर्ट या उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट करना) की मांग की गई थी।
खंडपीठ के सवाल का जवाब देते हुए एडवोकेट पांडे ने कहा कि वह जनहित याचिका (उनके नाम से दायर) के खारिज होने के बारे में भूल गए थे और उन्हें समान राहत की मांग करते हुए तत्काल जनहित याचिका दायर करते समय इस तथ्य को स्पष्ट करने में सावधानी बरतनी चाहिए थी।
उनके तर्क को देखते हुए न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई (गुरुवार) के लिए निर्धारित की है।
Justice Roy : Kaise kar jayen differ? Hum khud us bench ka part the (along with the then Chief Justice DY Chandrachud).
— Live Law (@LiveLawIndia) July 3, 2024
Advocate Pandey : Maine us order ke against review file kiya hai.#AllahabadHighCourt