पहलगाम पोस्ट केस: डॉ. मेडुसा पर गंभीर आरोप, 'एकता खतरे' की धारा हटाई, 352 और 302 BNS बरकरार

Update: 2025-10-13 09:46 GMT

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. मद्री ककोटी (डॉ. मेडुसा) के खिलाफ पहलगाम आतंक हमले के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट पर FIR की जांच पूरी हो गई है और जल्द ही चार्जशीट दायर की जाएगी।

राज्य के वकील ने बताया कि पहले FIR में कई धाराएं थीं, जैसे धारा 152 BNS (भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम) लेकिन अब चार्जशीट में केवल धारा 352 (जानबूझकर अपमान और शांति भंग करने के लिए) और 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए) शामिल हैं।

इस वजह से डॉ. ककोटी की अग्रिम जमानत याचिका को निपटाया गया।

FIR में कहा गया कि डॉ. ककोटी ने ट्विटर पर भारत की एकता और संप्रभुता पर हमला किया, देश में दंगे फैलाने की कोशिश की, और उनके पोस्ट पाकिस्तान के मीडिया चैनलों पर भी शेयर किए गए।

जांच में पाया गया कि FIR में पहले शामिल कुछ धाराओं (197, 353, 196, 152 BNS और 69-A IT Act) में अपराध नहीं पाया गया, इसलिए उन्हें हटा दिया गया।

चार्जशीट अब पुलिस द्वारा असिस्टेंट कमिश्नर को भेजी गई है और ट्रायल कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।

न्यायालय ने कहा कि पुलिस रिपोर्ट 10 दिनों के अंदर अदालत में जमा की जाए।

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