इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बॉलीवुड फिल्म 'जॉली LLB 3' के गाने 'भाई वकील है' के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली रिट याचिका खारिज कर दी। अदालत ने यह प्रार्थना भी अस्वीकार कर दी कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इससे कथित तौर पर न्यायपालिका और वकालत पेशे की बदनामी होती है।
जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस बृजराज सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि गाने के बोलों या फिल्म के ट्रेलर/टीजर में ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया, जिसे कानूनी बिरादरी को बदनाम करने वाला माना जा सके, जैसा कि याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था।
याचिकाकर्ताओं की मांगें: एडवोकेट ऋषभ खरे और अनादि चित्रांशी के माध्यम से दायर याचिका में निम्नलिखित राहत मांगी गई थी—
• फिल्म 'जॉली LLB3' की रिलीज, प्रदर्शन या स्क्रीनिंग पर रोक लगाई जाए।
• गाना 'भाई वकील है' सभी डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया जाए।
• CBFC द्वारा दी गई फिल्म की प्रमाणन रद्द किया जाए।
• फिल्म निर्माताओं/निर्देशकों को अधिवक्ताओं के कथित “अपमानजनक चित्रण” के लिए सार्वजनिक माफी देने का आदेश दिया जाए।
याचिकाकर्ताओं का तर्क:
• फिल्म के ट्रेलर में कानूनी पेशे को निंदनीय और अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है।
• इससे न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचती है और अधिवक्ताओं की स्थिति को नुकसान होता है।
• इस तरह का चित्रण लोगों को वकालत पेशे में आने से हतोत्साहित करता है और कानून छात्रों में निराशा पैदा करता है।
• CBFC ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 5-A और 5-B के तहत अपने वैधानिक कर्तव्यों की अनदेखी की है।
• एडवोकेट्स एक्ट, 1961 का उल्लंघन कर अधिवक्ताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है।
केंद्र सरकार का पक्ष:
भारत संघ ने याचिका का विरोध किया और इसकी विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति उठाई।
• कहा गया कि मैंडेमस की रिट तभी जारी की जा सकती है जब पीड़ित पक्ष पहले सक्षम प्राधिकरण को प्रतिनिधित्व दे और यदि वह कार्रवाई से इनकार करे या लापरवाही दिखाए तभी रिट मांगी जा सकती है।
• एडिसनल सॉलिसिटर जनरल एस.बी. पांडे, अधिवक्ता वरुण पांडे की सहायता से, ने कहा कि आईटी नियम, 2021 (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम) के तहत नागरिकों के पास ऑनलाइन सामग्री संबंधी शिकायत दर्ज करने का पहले से उपाय है।
• लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने इन उपायों का उपयोग नहीं किया और सीधे अदालत का दरवाज़ा खटखटाया।
न्यायालय का अवलोकन:
खंडपीठ ने कहा, "याचिका से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ताओं ने अभी तक 2021 नियमों के तहत किसी भी प्राधिकरण से संपर्क नहीं किया है। केंद्र सरकार की ओर से उठाई गई आपत्ति में कुछ सार है।"
अदालत ने यह भी दर्ज किया कि उसने व्यक्तिगत रूप से 'जॉली एलएलबी 3' के तीन आधिकारिक ट्रेलर/टीजर और 'भाई वकील है' गाने के बोल देखे हैं और इसमें कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली। अदालत ने कहा, "हमें इसमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिस पर अदालत को दखल देना पड़े। गाने 'भाई वकील है' के बोलों में भी ऐसा कुछ नहीं है जो वकीलों के पेशे में बाधा उत्पन्न करे।"
अदालत ने पूरी याचिका खारिज कर दी और कोई लागत (कॉस्ट) भी नहीं लगाई।