इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रात 9 बजे दिल्ली थाने बुलाई गई महिला को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी
पिछले सप्ताह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीतापुर निवासी एक महिला को ट्रांजिट अग्रिम जमानत प्रदान की, जिसे दिल्ली पुलिस ने एक एफआईआर के सिलसिले में पूछताछ के लिए रात 9:00 बजे मयापुरी थाने (जिला पश्चिम दिल्ली) में उपस्थित होने के लिए समन भेजा था।
जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले Priya Indoria v. State of Karnataka, 2023 LiveLaw (SC) 996 के आलोक में और अन्य दस्तावेजों (जैसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 35(3) के तहत जारी नोटिस) का अवलोकन करने के बाद सुशीला यादव को राहत प्रदान की।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्हें यह नोटिस एक सब-इंस्पेक्टर द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया, जिसमें 13 जून 2025 को रात 9:00 बजे मयापुरी थाने में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था, जबकि एफआईआर में उनका नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं था।
अदालत ने यह ध्यान दिलाया कि रात में किसी महिला को थाने बुलाना अनुचित है, और इसी आधार पर याचिकाकर्ता को राहत दी गई।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, "यह स्पष्ट है कि उपरोक्त नोटिस में विशेष रूप से उल्लेख है कि आवेदिका, एक महिला होने के नाते, 13.06.2025 को 21:00 बजे मयापुरी थाने बुलाई गई है, जबकि एफआईआर में उसका नाम नहीं है और आरोपित अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अतः न्यायालय का मत है कि आवेदिका ट्रांजिट अग्रिम जमानत की हकदार है, और यदि जांच अधिकारी या एजेंसी द्वारा उसे हिरासत में लिया जाता है, तो ₹25,000 के निजी मुचलके पर उसे तुरंत अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।"
कोर्ट ने आगे दिल्ली पुलिस आयुक्त को यह आदेश सूचना व आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजने के निर्देश वरिष्ठ रजिस्ट्री को दिए।