रायबरेली एसपी पर एमबीए छात्र को चोरी के मामले में झूठा फंसाने का आरोप, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी डीजीपी को जांच के लिए एसआईटी बनाने का निर्देश दिया

Update: 2024-05-02 09:09 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक को चोरी के एक मामले में एमबीए के एक छात्र को गलत तरीके से फंसाने और गिरफ्तारी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है।

29 वर्षीय युवक को कथित तौर पर तब गिरफ्तार किया गया जब उसने अभिषेक अग्रवाल, आईपीएस, पुलिस अधीक्षक, जिला रायबरेली को अपना वाहन देने से इनकार कर दिया।

जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की पीठ ने मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए यह आदेश गोमती मिश्रा (70) की याचिका पर पारित किया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे/पीड़ित (अलख मिश्रा) को पुलिस ने 30/31 मार्च 2024 की रात गिरफ्तार कर लिया ‌था। जबकि उसगी गिरफ्तारी चोरी के एक मामले में एक दिन बाद यानी 31 मार्च 2024/ एक अप्रैल 2024 की रात दिखाई गई। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि पूरा घटनाक्रम पेट्रोल पंप के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ था, जहां से गिरफ्तारी की गई।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उनके बेटे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उसे चोरी के मामले में झूठा फंसाया गया है, क्योंकि उसने श्री अभिषेक अग्रवाल, आईपीएस, पुलिस अधीक्षक, जिला रायबरेली को अपनी टैक्सी देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि बार-बार अनुमति दिए जाने के बावजूद, आज तक विरोधी पक्ष के अधिकारी कोई जवाब दाखिल नहीं कर सके कि 30/31 मार्च 2024 की कथित गिरफ्तारी के संबंध में उनकी ओर से कोई जांच क्यों नहीं की गई।

इस पृष्ठभूमि में, न्यायालय ने निम्नलिखित आदेश पारित किया, “दिए गए हालात में, हम इस मामले को पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को संदर्भित करने के लिए उपयुक्त पाते हैं, जो पूरी घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन करेंगे, जिसमें आरोपित अधिकारियों श्री अभिषेक अग्रवाल, आईपीएएस, पुलिस अधीक्षक, जिला रायबरेली और अन्य से वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। कोर्ट ने दो महीने के अंदर एसआईटी से रिपोर्ट मांगी है.

केस टाइटलः गोमती मिश्रा बनाम State Of U.P. Thru. Addl. Chief Secy. /Prin. Secy. Home Lko. And Others

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