फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में आजम खान की सजा पर रोक, पत्नी-बेटे को मिली जमानत

Update: 2024-05-24 10:31 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (SP) के सीनियर नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को मिली सात साल की सजा पर रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने खान की पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की सजाओं पर रोक नहीं लगाई गई। कोर्ट इन तीनों को जमानत दे दी।

आजम खान ने बेटे अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए जाने और उनका दुरुपयोग किए जाने के मामले में रामपुर की स्पेशल कोर्ट से मिली सात 7 साल की सजा को आजम खान पत्नी और बेटे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। ख़ान परिवार की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 14 मई को अपना जजमेंट सुरक्षित रख लिया था।

गौरतलब है कि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के मामले में हुई सजा के खिलाफ पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तंजीम फातिमा की पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एडवोकेट जनरल से सवाल किया कि जब इस मामले में अपराधिक साजिश की धारा 120बी को जोड़ा गया तो साक्ष्य क्यों नहीं जुटाए गए। मामले में अग्रिम विवेचना आदेश क्यों नहीं दिया गया? कोर्ट ने पूछा कि बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्था नगर निगम के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या बर्थ सर्टिफिकेट मूल्यवान दस्तावेज है।

इसके जवाब में कहा गया कि इसी बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर कई मूल्यवान दस्तावेज़ तैयार किए गए। एडवोकेट जनरल अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से और समय मांगा, लेकिन कोर्ट इस पर सहमत नहीं हुई। कोर्ट ने सभी पक्षकारों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था।

बात दें कि आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे को रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बर्थ सर्टिफिकेट मामले में सात -सात साल कैद की सजा सुनाई है। इसी सजा के खिलाफ आपराधिक पुनर्विचार याचिका दायर हाईकोर्ट में दाख़िल की गई थी।

BJP नेता ने की थी शिकायत

विधानसभा चुनाव 2017 में अब्दुल्ला खान स्वार से विधायक चुने गए थे। प्रतिद्वंदी प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां तथा बाद में BJP नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट पर अब्दुल्ला के चुनाव लड़ने की शिकायत की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला का चुनाव रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, मगर सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था।

अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज है और नगर निगम लखनऊ से जारी प्रमाणपत्र में 30 सितंबर 1990 दर्ज है। आजम खान सहित तीनों के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।

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