इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 558 सहायता प्राप्त मदरसों की जांच के निर्देश पर लगाई रोक

Update: 2025-09-24 13:50 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), नई दिल्ली के उस आदेश पर रोक लगाई, जिसमें महानिदेशक, आर्थिक अपराध शाखा, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को उत्तर प्रदेश राज्य के 558 सहायता प्राप्त मदरसों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

शिक्षक संघ मदारिस अरबिया सहित याचिकाकर्ताओं ने मोहम्मद तल्हा अंसारी नामक व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत के आधार पर NHRC द्वारा पारित आदेशों को इस आधार पर चुनौती दी कि आयोग को कथित घटना की तारीख से एक वर्ष की समाप्ति के बाद कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की जांच का आदेश देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 36(2) का हवाला दिया, जिसमें कहा गया,

आयोग या राज्य आयोग उस तारीख से एक वर्ष की समाप्ति के बाद किसी भी मामले की जांच नहीं करेगा, जिस दिन कथित रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला कृत्य किया गया हो।

इसके अलावा, अधिनियम की धारा 12(ए) का हवाला देते हुए यह तर्क दिया गया कि इस प्रावधान के तहत जांच शुरू करने की कोई भी शर्त पूरी नहीं की गई। यह तर्क दिया गया कि शिकायत में कथित घटना का कोई विशिष्ट विवरण (दिनांक और समय) नहीं दिया गया, जिससे यह अस्पष्ट हो गई। यह तर्क दिया गया कि दिनांक के अभाव में यह निर्धारित नहीं किया जा सकता कि NHRC को शिकायत पर विचार करने का अधिकार है या नहीं।

सरकारी वकील ने दलील दी कि मामले में जांच आवश्यक है।

जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उन्हें प्रति-शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।

खंडपीठ ने इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया,

“इस न्यायालय के अगले आदेश तक प्रतिवादी नंबर 1/राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा मामला/फ़ाइल नंबर 1398/24/0/2025 में पारित दिनांक 28.2.2025, 23.4.2025 और 11.6.2025 के आदेशों के प्रभाव और संचालन पर रोक रहेगी।”

मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर, 2025 को होगी।

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