इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लापता 13 वर्षीय लड़के का पता लगाने में विफल रहने पर पानीपत SP, SHO को तलब किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक पानीपत (हरियाणा) और स्टेशन हाउस ऑफिसर [पुलिस स्टेशन-चांदनी बाग, पानीपत] को 5 अगस्त को एक लापता 13 वर्षीय लड़के के साथ व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया।
यह निर्देश जस्टिस शमीम अहमद की पीठ ने लड़के की मां वीना देवी द्वारा दायर हेबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया।
न्यायालय ने पाया कि 21 मई को संबंधित एसएचओ को बंदी/नाबालिग लड़के का पता लगाने का निर्देश देने के बावजूद कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया।
इस मामले में न्यायालय के समक्ष दायर प्रगति रिपोर्ट/शपथपत्र पर विचार करते हुए एकल न्यायाधीश ने इस प्रकार टिप्पणी की,
“प्रगति रिपोर्ट महज दिखावा है क्योंकि प्रतिवादी नंबर 2 यानी प्रमुख सचिव, गृह विभाग, सिविल सचिवालय, हरियाणा चंडीगढ़ और प्रतिवादी नंबर 4 यानी पुलिस अधीक्षक, जिला-पानीपत, हरियाणा ने जांच के बारे में कोई सटीक विवरण नहीं दिया है और बंदी को बरामद करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख नहीं किया है। इसके अलावा प्रगति रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारी समय बर्बाद कर रहे हैं और उन्होंने उस व्यक्ति को गिरफ्तार भी नहीं किया है या उसका बयान भी दर्ज नहीं किया है जिसने मदर टेरेसा, चांदनी बाग, पानीपत, हरियाणा के सामने सेक्टर-12 में स्थित अपने बंगले नंबर 9 में बंदी को काम पर रखा था।”
इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक, पानीपत, हरियाणा और संबंधित स्टेशन हाउस अधिकारी को निर्देश दिया कि वे अगली सूचीबद्ध तिथि (5 अगस्त) को हिरासत में लिए गए व्यक्ति के साथ न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि प्राथमिकी दर्ज होने के तीन महीने से अधिक समय बाद भी हिरासत में लिए गए व्यक्ति को क्यों बरामद नहीं किया गया।
न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उसके आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, सिविल सचिवालय हरियाणा, चंडीगढ़ और पुलिस अधीक्षक, पानीपत, हरियाणा को मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, सिविल सचिवालय, उत्तर प्रदेश, लखनऊ और पुलिस आयुक्त, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के माध्यम से भेजी जाए, ताकि पुलिस अधीक्षक, पानीपत, हरियाणा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो सकें।
संक्षेप में मामला
लापता बच्चे (बीरू) की मां (वीना देवी) द्वारा हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की गई थी। अपने बेटे का पता लगाने के प्रयास में विफल होने के बाद वह न्यायालय में गई थी।
मामला यह था कि बहराइच का स्थायी निवासी 13 वर्षीय लड़का (बीरू) अपने चचेरे भाइयों के साथ हरियाणा के पानीपत गया था जहां उसने कुछ महीनों तक काम किया। अप्रैल 2024 में उसके माता-पिता को सूचित किया गया कि बीरू लापता हो गया है। लड़के को खोजने के प्रयास किए गए लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं आया। लड़के की मां (याचिकाकर्ता) ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से भी मदद मांगी हालाँकि, कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नतीजतन उसने तत्काल हेबियस कॉर्पस याचिका के साथ हाईकोर्ट का रुख किया। सुनवाई के दौरान अदालत को अवगत कराया गया कि बहराइच के अमरजीत द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हरियाणा के पानीपत के चांदनी बाग पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी और लापता व्यक्ति/बंदी का पता लगाने के प्रयास चल रहे थे।
इसे देखते हुए न्यायालय ने 21 मई को संबंधित थाना प्रभारी को निर्देश दिया था कि वह लापता बंदी का पता लगाने के लिए सभी प्रयास करें तथा बंदी का पता लगाने/खोज करने के लिए किए गए सभी प्रयासों के दस्तावेजी सबूत संलग्न करते हुए इस न्यायालय में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
केस टाइटल - बीरू से उसकी माँ वीना देवी प्रतिवादी - उत्तर प्रदेश राज्य से प्रधान सचिव गृह विभाग लखनऊ और 5 अन्य [बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका संख्या - 131/2024]