इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान राम को अपशब्द कहने के आरोपी व्यक्ति की बिना शर्त माफी स्वीकार की

Update: 2024-04-17 09:13 GMT

पुलिस स्टेशन में दी गई उनकी बिना शर्त माफी को ध्यान में रखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते रियाज़ उर्फ ​​ओवैसी को जमानत दी। रियाज़ पर फेसबुक पर भगवान राम को गाली देने का आरोप है।

जस्टिस समीर जैन की पीठ ने यह देखते हुए उन्हें राहत दी कि आरोपी का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह 28 जनवरी, 2024 से हिरासत में है। अदालत ने यह भी माना कि उसके खिलाफ सभी कथित अपराधों में अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है।

आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए, 295-ए, 505(2) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत फेसबुक अकाउंट पर भगवान राम को कथित रूप से गाली देने के आरोप में कार्रवाई की गई और गिरफ्तार कर लिया गया।

उसने इस आधार पर जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया कि वह निर्दोष हैं और उसने कभी भी भगवान राम के नाम के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। उसके वकील ने तर्क दिया कि किसी और ने कथित पोस्ट करने के लिए उसके अकाउंट का उपयोग किया।

उसका आगे कहना कि वह देश के कानून का पालन करने वाला नागरिक हैं और मुस्लिम होने के बावजूद हिंदू धर्म में आस्था रखता है। जब उसे पता चला कि कथित पोस्ट किया गया तो उसने पुलिस स्टेशन के सामने बिना शर्त माफी मांगी।

अंत में, उसकी ओर से उसके वकील ने दलील दी कि इस देश का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना इतना कमजोर नहीं है, जिसे इस तरह के फर्जी मैसेज से परेशान किया जा सके।

दूसरी ओर, हालांकि एजीए ने जमानत की प्रार्थना का विरोध किया, लेकिन वह इस तथ्य पर विवाद नहीं कर सका कि आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 28 जनवरी, 2024 से जेल में है।

उसकी बिना शर्त माफी पर विचार करते हुए अदालत ने उसे संबंधित अदालत की संतुष्टि के अनुसार व्यक्तिगत बांड और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि देने पर जमानत दे दी।

केस टाइटल- रियाज़ अलियास ओवैसी बनाम यूपी राज्य। लाइव लॉ (एबी) 240/2024 [आपराधिक विविध जमानत आवेदन संख्या - 12653 2024]

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