इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेसबुक पर तिरंगे का अपमान करने वाली पोस्ट पर राज्य सरकार से जमानत याचिका पर जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को फेसबुक पर कथित तौर पर भारतीय ध्वज (तिरंगा) को उलटी स्थिति में दिखाने वाली तस्वीर पोस्ट करने के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई अगस्त में तय की।
जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने राज्य सरकार से आपत्तिजनक पोस्ट की रंगीन तस्वीरों के साथ जवाबी हलफनामा मांगा और मामले को अगस्त के दूसरे सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया।
संक्षेप में मामला
आरोपी अकील पर भारतीय ध्वज को अपमानजनक तरीके से पोस्ट करने और अप्रत्यक्ष रूप से भारत की हार को दर्शाने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 152 और 197 के तहत मामला दर्ज किया गया।
मामले में जमानत मांगते हुए उसके वकील ने एकल न्यायाधीश के समक्ष तर्क दिया कि उसने फेसबुक पर ऐसी कोई सामग्री पोस्ट नहीं की, जो भारतीय ध्वज का अपमान करने या पाकिस्तान के प्रति वरीयता प्रदर्शित करने की मंशा प्रदर्शित करती हो।
उन्होंने कहा कि आवेदक के खिलाफ लगाए गए अपराधों के लिए 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
दूसरी ओर, याचिका का विरोध करते हुए एजीए ने कहा कि आवेदक द्वारा पाकिस्तान और अन्य देशों के झंडों के विपरीत उल्टा भारतीय झंडा पोस्ट करने का कृत्य स्पष्ट रूप से राष्ट्र के प्रति अनादर दिखाने के बराबर है। अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान सहित दुश्मन देशों द्वारा भारत की हार को दर्शाता है।
इसके अलावा, एजीए ने आवेदक द्वारा अपलोड किए गए फेसबुक पोस्ट की रंगीन तस्वीरों के साथ जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।
तदनुसार, अदालत ने मामले को 11 अगस्त से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया और एजीए को इस बीच संबंधित सामग्री को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।