इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छुट्टी पर रहते हुए गैंगस्टर एक्ट मामले में समन जारी करने वाले न्यायिक अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक न्यायिक अधिकारी के खिलाफ जांच का आदेश दिया, जिसने दो आरोपियों के खिलाफ धारा 3(1) यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत अपराध के लिए मुकदमे का सामना करने के लिए समन जारी किया था, जबकि उस दिन अधिकारी कथित तौर पर छुट्टी पर था।
जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने कानपुर नगर के जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया कि वे जांच करें कि किन परिस्थितियों में समन आदेश पारित किया गया और यदि आवश्यक हो, तो तत्कालीन पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण के लिए बुलाएं।
अदालत ने यह आदेश गजेंद्र सिंह नेगी और एक अन्य द्वारा अक्टूबर 2020 के आदेश (समन आदेश) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसके तहत आवेदकों को धारा 3(1) यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत अपराध के लिए मुकदमे का सामना करने के लिए बुलाया गया था।
यह आदेश कथित तौर पर तत्कालीन विशेष न्यायाधीश, गैंगस्टर्स एक्ट, कानपुर नगर द्वारा पारित और हस्ताक्षरित किया गया था। आवेदकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि उस दिन पीठासीन अधिकारी छुट्टी पर थे, फिर भी उन्होंने समन जारी किया और आदेश पर हस्ताक्षर किए।
अदालत के संज्ञान में यह भी लाया गया कि संबंधित न्यायाधीश ने 'समन' शब्द का भी उल्लेख किया है, जो एक अलग लिखावट में खाली जगह पर लिखा हुआ प्रतीत होता है। उन्होंने आगे कहा कि गुण-दोष पर भी बहस हुई, लेकिन आरोपित आदेश अपने वर्तमान स्वरूप में बरकरार नहीं रह सकता; इसके बजाय, इसकी जांच की आवश्यकता है।
उपरोक्त दलीलों पर विचार करते हुए और आवेदकों के वकील द्वारा दिखाई गई गंभीरता और अस्पष्टता को देखते हुए, अदालत ने विशेष न्यायाधीश, गैंगस्टर्स अधिनियम द्वारा पारित दिनांक 28.10.2020 के आरोपित आदेश को खारिज कर दिया।
इसके अलावा, न्यायालय ने न्यायिक अधिकारी के खिलाफ जांच का आदेश दिया और निर्देश दिया कि एक रिपोर्ट और जांच के रिकॉर्ड कानपुर नगर के प्रशासनिक न्यायाधीश को भेजे जाएं।
केस टाइटलः गजेंद्र सिंह नेगी और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य 2024 लाइव लॉ (एबी) 512
केस साइटेशन: 2024 लाइव लॉ (एबी) 512