लखनऊ में वकीलों द्वारा हड़पने की कथित घटना की जांच पुलिस आयुक्त करेंगे: इलाहाबाद हाईकोर्ट का संयुक्त सचिव को निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), पुलिस आयुक्तालय, लखनऊ को 50-60 वकीलों द्वारा संपत्ति हड़पने के आरोपों की जांच करने और अदालत में सीलबंद कवर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने पुष्कल यादव द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें दावा किया गया कि उनकी संपत्ति 50-60 लोगों द्वारा हड़प ली गई, जो वकील की वर्दी पहनकर आए थे।
अपने आदेश में न्यायालय ने निर्देश दिया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), पुलिस आयुक्तालय, लखनऊ, जो पहले से ही एक समिति का नेतृत्व कर रहे हैं, जो कथित वकीलों द्वारा आम व्यक्तियों की संपत्ति पर कब्ज़ा करने के संबंध में शिकायतों की जांच कर रही है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि लगाए गए आरोपों के संदर्भ में स्थानीय पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी कि अगर ऐसा कोई अपराध हुआ है तो इतनी बड़ी भीड़ घटनास्थल पर कैसे पहुंची होगी।
कोर्ट ने आगे निर्देश दिया,
“जांच के नतीजे के आधार पर पुलिस के लिए ऐसी कार्रवाई करना खुला होगा, जो इस न्यायालय के किसी भी आदेश की प्रतीक्षा किए बिना कानून में स्वीकार्य और आवश्यक हो, जिसका अर्थ है कि व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने के लिए इस याचिका की लंबितता को आधार नहीं बनाया जाएगा, यदि कोई अपराध किया गया हो। कार्रवाई करते समय यहां मांगी गई राहत को भी ध्यान में रखा जाएगा।''
पुलिस आयुक्त, लखनऊ को जांच की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि यह निष्पक्ष और ठीक से हो।
हालांकि, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह याचिकाकर्ता के आरोपों की योग्यता पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहा है, जो जांच के लिए खुला है।
मामला पर अब 8 अप्रैल को नए सिरे से सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि इस साल जनवरी में इलाहाबाद हाईकोर्ट (डिवीजन बेंच) ने जमीन हड़पने के आरोपी वकीलों से जुड़े कई मामलों को विशिष्ट पीठ को नामित करने के लिए चीफ जस्टिस को भेजा था, जो इन मामलों की नियमित सुनवाई के लिए जिम्मेदार होगी।
जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने इन मामलों में सुनवाई को सुव्यवस्थित और तेज करने के लिए यह आदेश पारित किया, जो मुख्य रूप से वकीलों के खिलाफ आरोपों से संबंधित हैं। इनमें संपत्तियों को हड़पने या हड़पने का प्रयास करने के लिए खुद को वकील के रूप में गलत तरीके से पेश करने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे कई उदाहरणों पर ध्यान दिया, जिनमें वकीलों ने अपनी वर्दी का रौब दिखाकर नागरिकों की संपत्ति हड़पने में भू-माफियाओं की मदद की।
उस मामले में न्यायालय ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को दिशानिर्देश जारी करने का भी निर्देश दिया कि वकीलों को न्यायालय परिसर के बाहर वर्दी पहनने से बचना चाहिए।
दिसंबर, 2023 में लखनऊ के पुलिस आयुक्त ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि उन्होंने संयुक्त पुलिस आयुक्त, (कानून और व्यवस्था), बहुत सीनियर आईपीएस के तहत विशेष सेल का गठन किया। अधिकारी कथित वकीलों द्वारा आम लोगों की संपत्ति पर कब्जा करने की शिकायतों पर गौर करें और भविष्य में भी ऐसी कोई शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करें।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त ने अदालत को यह भी बताया कि उक्त सेल के गठन को समाचार पत्रों और मीडिया सहित अन्य अनुमेय माध्यमों से प्रचारित किया जाएगा, जिससे जनता को इसके बारे में पता चल सके और ऐसी गतिविधियों पर जल्द से जल्द अंकुश लगाया जा सके।
केस टाइटल - पुष्कल यादव बनाम यूपी राज्य के माध्यम से. प्रिं. सचिव. होम लको. और अन्य