वकील को कोर्ट में धमकाया गया, वकालतनामा वापस लेने के लिए मजबूर किया गया? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया
वकील के साथ कोर्ट रूम के अंदर बुरा बर्ताव करने और उसे धमकाकर अपना वकालतनामा वापस लेने के लिए मजबूर करने के आरोपों पर गंभीर चिंता जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज, लखनऊ से आरोपों की जांच करने के लिए एक रिपोर्ट मांगी।
जस्टिस सैयद कमर हसन रिज़वी की बेंच ने कहा कि अगर ऐसे आरोपों को उनके पहले के बयानों के आधार पर सही मान लिया जाता है तो वे "न्याय देने में रुकावट" पैदा करते हैं और "न्याय देने के सिस्टम को बदनाम" करते हैं।
यह टिप्पणी तब आई जब बेंच देवी प्रसाद और अन्य लोगों द्वारा CPC की धारा 24 के तहत दायर एक ट्रांसफर एप्लीकेशन (सिविल) पर सुनवाई कर रही थी।
आवेदकों ने अपनी पेंडिंग अपील [सुंदर देवी बनाम यू.पी. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और दूसरे ने CPC ऑर्डर 43 रूल 1 CPC के तहत एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज-7, लखनऊ की कोर्ट से पास के किसी दूसरे सक्षम कोर्ट में फाइल किया।
एप्लीकेंट्स की ओर से बहस करते हुए एडवोकेट सुरेश चंद्र शुक्ला ने कहा कि लोअर कोर्ट में माहौल खराब हो गया था।
उन्होंने 26 अगस्त, 2025 की एक कथित घटना का ज़िक्र किया, जब अपील लिस्टेड थी और एप्लीकेंट के वकील केके द्विवेदी के साथ प्राइवेट अपोज़िट पार्टीज़ ने बुरा बर्ताव किया और उन्हें पेंडिंग अपील से अपना वकालतनामा वापस लेने की धमकी भी दी गई, जो उन्होंने बाद में किया।
इसके अलावा, एप्लीकेंट्स ने आरोप लगाया कि रेस्पोंडेंट की तरफ से एक दूसरे एडवोकेट ने अपने साथियों के साथ मिलकर एप्लीकेंट नंबर 1 (देवी प्रसाद) पर हमला किया और उन्हें केस आगे न बढ़ाने की धमकी दी।
बेंच को यह भी बताया गया कि एप्लीकेंट ने पहले ही डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज, लखनऊ, बार काउंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश और संबंधित पुलिस स्टेशन को रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजी गई शिकायतों के ज़रिए मामले की रिपोर्ट कर दी थी।
दलीलों पर सख्त रुख अपनाते हुए जस्टिस रिज़वी ने एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल बद्रीश कुमार त्रिपाठी को आदेश डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज, लखनऊ को बताने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को मामले की जांच करने और ट्रांसफर एप्लीकेशन में लगाए गए आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए संबंधित कोर्ट से एक रिपोर्ट लेने का भी निर्देश दिया।
बेंच ने आगे निर्देश दिया,
"उम्मीद है कि डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज, लखनऊ इस मामले में तय अगली तारीख तक अपनी राय और कार्रवाई की रिपोर्ट, अगर कोई हो, इस कोर्ट को बताएंगे।"
मामले को 28 नवंबर, 2025 को नए सिरे से पोस्ट किया गया।