समाज के लिए ख़तरा बताते हुए, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार और हत्या के दोषी 23 साल के सॉफ़्टवेयर इंजीनियर को मौत की सज़ा को सही ठहराया

Update: 2018-12-22 06:13 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने वृहस्पतिवार को बलात्कार और हत्या के दोषी 23 वर्षीय सॉफ़्टवेयर इंजीनियर चन्द्रभान सदन सनप की मौत की सज़ा को सही ठहराया। सनप आंध्र प्रदेश का है और वह टीसीएस का कर्मचारी था।सनप ने निचली अदालत से मिली सज़ा के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील की थी।

पृष्ठभूमि

अभियोजन के अनुसार, पीड़ित भी टीसीएस के गोरेगांव, महाराष्ट्र के उस ऑफ़िस में काम करती थी जहाँ सनप काम करता था। यह युवती वाईएमसीए के होस्टल में रहती थी और आंध्र प्रदेश के मछलीपतनम की रहने वाली थी। अपने घर से वह 4 जनवरी को एलटीटी स्टेशन, कुर्ला पर उतरी और जब उसके पिता ने उससे सम्पर्क करने की कोशिश की, वह इसमें असफल रहे थे। 16 जनवरी 2014 को उसकी अधजली लाश ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के पास एक झाड़ी में मिली।

गवाहों के बयान के अनुसार उसने उस युवती को अपने मोटरसाइकिल पर उसके घर तक जाने के लिए लिफ़्ट दिया था और फिर एक सुनसान इलाक़े में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया और युवती के शोर मचाने पर उसका गला दबाकर मार दिया।

मामले की जाँच हुई और गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर निचली अदालत ने सनप को दोषी ठहराया और उसे मौत की सज़ा सुनाई और ₹50 हज़ार  रुपए का जुर्माना भी लगाया जो पीडिता के पिता को देने को कहा।

फ़ैसला

कोर्ट ने कहा, "इस तरह का व्यक्ति समाज के लिए ख़तरा बना रहेगा और यह देखते हुए हमरा यह दृढ़ विचार है कि इसे मौत की सज़ा से कोई कम सज़ा नहीं दी जा सकती है जो कि सत्र अदालत ने उसे सुनाई है"।


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