आश्रमों, मदरसों और कैथोलिक संस्थाओं जैसे धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू हो : सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि देशभर के आश्रमों, मदरसों व कैथोलिक संस्थाओं जैसे धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू करने के निर्देश जारी किए जाएं।
वकील मनीष पाठक ने ये याचिका दाखिल की है और डेरा सच्चा सौदा, आसाराम, अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मामलों का हवाला दिया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में कार्यस्थल पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा बनाम राजस्थान राज्य के फैसले में विशाखा गाइडलाइन जारी की थी।
लेकिन देशभर के आश्रमों, मदरसों व कैथोलिक संस्थाओं में महिलाओं के यौन उत्पीड़न, रेप व छेड़छाड़ के मामलों के लिए कोई नियम नहीं हैं।
इसमें कहा गया है कि ऐसे स्थानों पर महिलाओं की शिकायतों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए विशाखा गाइडलाइन को इन जगहों पर भी लागू किया जा जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि जहां भी धार्मिक शिक्षा दी जाती हो या प्रवचन दिए जाते हों, वहां ये व्यवस्था लागू हो।
याचिका में कहा गया है कि ये महिलाओं के संविधान के अनुच्छेद 14 ( समानता), 19( अभिव्यक्ति की आजादी) , 21 ( जीने के अधिकार) और 25 ( धार्मिक स्वतंत्रता ) के अधिकारों के खिलाफ है।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को ये निर्देश दिया जाए कि वो देशभर के ऐसे स्थलों के आंकड़े व जानकारी जुटाए और इनके संचालकों की पुरानी पृष्ठभूमि की भी जांच करे।