तीन साल की लड़की से बलात्कार का मामला : पटना हाईकोर्ट ने आरोपी की कम उम्र और आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने के कारण उसकी मौत की सजा को बदल दिया [निर्णय पढ़ें]

Update: 2018-10-13 10:22 GMT

पटना हाईकोर्ट ने तीन साल की एक लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के आरोपी की मौत की सजा को बदल दिया है। कोर्ट ने ऐसा आरोपी के कम उम्र और किसी तरह का आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने के कारण किया है।

निचली अदालत ने रोहण बिन्द नामक इस व्यक्ति को एक लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या का दोषी माना। अभियोजन ने कहा कि वह बच्चे को बिस्कुट का लालच देकर अपने साथ ले गया और गाँव के बाहर खेत में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी। उसकी नग्न लाश एक गड्ढे में मिली थी।

न्यायमूर्ति राकेश कुमार और न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव की पीठ ने उसको दोषी ठहराने को सही बताया और कहा कि अभियोजन के अनुसार वह लड़की अंतिम बार उस व्यक्ति के साथ दिखी थी और अनेक गवाहों ने इसकी तसदीक की है।

इस व्यक्ति को मिली सजा के बारे में कोर्ट ने कहा, “...मौत की सजा विरलों से भी विरल मामले में दी जानी चाहिए...अपीलकर्ता की कम उम्र को भी देखा जाना चाहिए। अपीलकर्ता की कम उम्र के अलावा, यह भी गौर किया गया है कि अपीलकर्ता का यह पहला अपराध है और इस बात का कोई रेकॉर्ड नहीं है कि वह पहले भी किसी अपराध में लिप्त रहा है”।

आरोपी की मौत की सजा की पुष्टि करने से बचते हुए पीठ ने कहा, “इस स्थिति में अगर अपीलकर्ता की मौत की सजा को बदलकर आजीवन कारावास कर दिया जाए तो जरूरत पूरी हो जाती है। इस परिस्थिति में, अपीलकर्ता की कम उम्र को देखते हुए और उसका किसी भी तरह का आपराधिक पृष्ठभूमि का नहीं होने की वजह से यह जरूरी होगा कि उसको दोषी ठहराए जाने और उसको मिली अन्य सजा को को सही मानते हुए उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला जा सकता है”।

इसके बाद पीठ ने इस फैसले को अपनी स्वीकृति दे दी और उसकी मौत की सजा को जीवन के अंतिम समय तक के लिए कारावास में बदल दिया।

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