तीन तलाक पीड़िता एसिड अटैक: सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार को सुरक्षा, मुआवजे व उपचार के निर्देश दिए

Update: 2018-09-17 11:28 GMT

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन तलाक पीड़िता और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली महिला पर एसिड अटैक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वो पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश व राज्य की पॉलिसी के मुताबिक उपचार व मुआवजा दे।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को पीडिता रानी उर्फ शबनम की याचिका का निपटारा करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को कहा है कि जिले से बाहर जाने पर वो पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए। जबकि पीठ ने अन्य याचिकाकर्ता को कहा है कि वो दूसरे राज्य जाने पर वहां सुरक्षा की मांग कर सकते हैं।

इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि महिला को सुरक्षा दे दी गई है। केस में FIR दर्ज की गई है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इससे पहले 14 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से उनका पक्ष पूछा था।

 याचिका में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने और उचित चिकित्सा कराने की मांग की गई थी।

सुनवाई में पीठ ने केंद्र की ओर से माधवी दीवान और राज्य सरकार की AAG ऐश्वर्या भाटी को याचिका की प्रति देने के निर्देश दिए थे। पीठ ने कहा कि दोनों इस मामले में अगली सुनवाई पर पक्ष रखें।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन तलाक पीड़िता पर एसिड अटैक किया गया है।  महिला ने अपने देवर पर अटैक का आरोप लगाया है। महिला जिला अस्पताल मे भर्ती है  जहां उसका उपचार किया जा रहा है।

दरअसल दिल्ली ओखला निवासी शबनम  का विवाह अगौता के जौलीगढ़ में मुजम्मिल से हुआ था। शबनम के तीन बच्चे भी हैं।शादी के बाद मुजम्मिल ने शबनम को तलाक दे दिया। तलाक की वजह पर शबनम का आरोप है कि उसका देवर बुरी नियत रखता था और हलाला करने का दबाव बनाता था। शबनम का आरोप है कि उनके पति भी इस दबाव में शामिल थे, मगर शबनम ने हलाला मंजूर नहीं किया जिस पर उस पर अत्याचार बढ़ गया। इसके बाद शबनम ने हलाला और बहु विवाह को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की।

Similar News