निकाह हलाला याचिकाकर्ता पर एसिड अटैक: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और UP सरकार से मांगा जवाब
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन तलाक पीड़िता और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली महिला पर एसिड अटैक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से उनका पक्ष पूछा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 17 सितंबर के लिए सूचीबद्घ किया है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को पीडिता रानी उर्फ शबनम की याचिका पर ये कदम उठाया है। याचिका में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने और उचित चिकित्सा कराने की मांग की है।
शुक्रवार की सुबह इस मामले को मेंशन किया गया तो चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वो याचिका पर सुनवाई 11.30 बजे करेंगे। इसके बाद सुनवाई में पीठ ने केंद्र की ओर से माधवी दीवान और राज्य सरकार की AAG ऐश्वर्या भाटी को याचिका की प्रति देने के निर्देश दिए। पीठ ने कहा कि दोनों इस मामले में अगली सुनवाई पर पक्ष रखें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन तलाक पीड़िता पर एसिड अटैक किया गया है। महिला ने अपने देवर पर अटैक का आरोप लगाया है। महिला जिला अस्पताल मे भर्ती है जहां उसका उपचार किया जा रहा है।
दरअसल दिल्ली ओखला निवासी शबनम का विवाह अगौता के जौलीगढ़ में मुजम्मिल से हुआ था। शबनम के तीन बच्चे भी हैं।शादी के बाद मुजम्मिल ने शबनम को तलाक दे दिया। तलाक की वजह पर शबनम का आरोप है कि उसका देवर बुरी नियत रखता था और हलाला करने का दबाव बनाता था।
शबनम का आरोप है कि उनके पति भी इस दबाव में शामिल थे, मगर शबनम ने हलाला मंजूर नहीं किया जिस पर उस पर अत्याचार बढ़ गया। इसके बाद शबनम ने हलाला और बहु विवाह को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की।