मिलावटयुक्त लाल मिर्च पाउडर के कारण होटल मालिक को जेल; सुप्रीम कोर्ट ने कहा, निचली अदालत की सजा को जायज बताया [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-09-13 06:34 GMT

ऐसी खाद्य सामग्रियों की बिक्री जिसका प्रयोग किसी भोजनालय में भोजन/सब्जी पकाने में होता है, खाद्य निरीक्षक के लिए यह खाद्य अपमिश्रण अधिनियम की धारा 2(xiii)  के तहतबिक्री’ माना जाता है।”

सुप्रीम कोर्ट ने उस होटल मालिक की सजा को बरकरार रखा है जिसके भोजनालय से खाद्य निरीक्षक ने मिलावटयुक्त मिर्च पाउडर बरामद किया था जिसे खाना बनाने में प्रयोग करने के लिए रखा गया था।

हाईकोर्ट ने आरोपी को निचली अदालत ने जो सजा सुनाई थी, उसे यह कहते हुए उलट दिया था की बरामद लाल मिर्च पाउडर आम लोगों को बेचे जाने के लिए नहीं था।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिंह और न्यायमूर्ति केएम जोसफ की पीठ ने निचली अदालत की सजा को बहाल करते हुए कहा कि खाद्य सामग्रियों की बिक्री जिसका प्रयोग किसी भोजनालय में भोजन/सब्जी पकाने में होता है, खाद्य निरीक्षक के लिए यह खाद्य अपमिश्रण अधिनियम की धारा 2(xiii)  के तहत ‘बिक्री’ माना जाता है।

पीठ ने कहा, “...हम इस बात से सहमत हैं कि खाद्य सामग्री जिसे खाद्य निरीक्षक ने खरीदा है, जरूरी नहीं है कि उसे वहाँ से खरीदा गया हो जहां भारी मात्रा में इसे बिक्री के लिए रखा जाता है। हमारा यह भी मानना है कि जिस व्यक्ति से यह खाद्य पदार्थ खाद्य निरीक्षक ने खरीदा है, यह जरूरी नहीं है की वह व्यक्ति उस पदार्थ का डीलर ही हो।”

पीठ ने अपील मान ली और आरोपी को तत्काल खुद को क़ानून के हवाले करने को कहा ताकि वह निचली अदालत द्वारा दी गई सजा का शेष एक साल के सश्रम कारावास की सजा काट सके।

इससे पूर्व दिल्ली प्रशासन बनाम विद्या गुप्ता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिक्री के लिए बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थ में प्रयोग के लिए मिलावटयुक्त खाद्य पदार्थ का भंडारण भी अपराध है।


 Full View

Similar News