दिल्ली बार काउंसिल के चुनावों पर आपत्तियों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई तीन सदस्यीय समिति [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-05-15 08:42 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन-सदस्यीय समिति के गठन का निर्देश दिया जो कि इस वर्ष अप्रैल में दिल्ली बार काउंसिल के चुनावों के बारे में उठाई गयी आपत्तियों की जांच करेगी।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ को बताया गया कि 25 उम्मीदवार अप्रैल में हुए चुनाव में दिल्ली बार काउंसिल के लिए चुने गए और इसके बाद इसको लेकर कई तरह की आपत्तियां उठाई गयी हैं।

इसके बाद पीठ ने 10 दिनों के भीतर इन आपत्तियों पर निर्णय के लिए एक तीन सदस्यीय समिति के गठन का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “इस तरह के किसी निर्णय के आभाव में, यह माना जाएगा कि आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है”।

इसके बाद, इसके परिणाम को प्रकाशित करने की अनुमति दी जाएगी और नए अधिकारियों को पद ग्रहण करने की अनुमति दी जाएगी।

इसके अलावा, कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति अजित गुंजल को कर्नाटक बार काउंसिल के चुनावों की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा। ऐसा कोर्ट द्वारा 2 मई को दिए गए एक अन्य फैसले को देखते हुए लिया गया है जब कोर्ट ने बार काउंसिल का चुनाव दुबारा कराने से मना कर दिया था और कहा था कि तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में चुनावों में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया।


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