इस्राइली नागरिक के खिलाफ ज़िंदा कारतूस रखने का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज किया [निर्णय पढ़ें]
इस्राइल की 61 वर्षीय नागरिक को राहत देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ भारत आने के समय अपने लगेज में ज़िंदा कारतूस रखने के आरोप में चल रही कार्रवाई को हाल ही में खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति आरएम सावंत और सारंग वी कोतवाल की पीठ ने सुश्री राचेल जोएल ओसेरन के खिलाफ आपराधिक मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह अनजाने में ऐसा कर रही थी। पीठ ने कहा, “यह एक ऐसा मामला है जिसमें ऐसा नहीं कहा जा सकता कि याचिकाकर्ता जानबूझकर ज़िंदा कारतूस लेकर यात्रा कर रही थी और यह कारतूस उसके बैग में ही रहा।
याचिकाकर्ता के पास से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता ने बुलेट को छिपाया नहीं था। पूछे जाने पर याचिकाकर्ता ने तत्काल इसका कारण बताया था। शहर पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल किया उसमें किसी आपत्तिजनक वस्तुओं के पाए जाने का जिक्र नहीं है।”
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुँचने पर ओसेरन के लगेज से 5.56 मिमी राइफल के कारतूस बरामद होने पर उसके खिलाफ आग्नेयास्त्र अधिनियम की धारा 3 के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया था।
अपने बचाव में ओसेरन ने कहा कि उसने यह बैग एक ट्रेवल एजेंट मित्र से लिया था ताकि वह इसमें मिठाई व खाने की अन्य वस्तुएं ले जा सके जो उसे एक अनाथालय में बांटना था। ट्रेवल एजेंट के पति ने इस्राइली मिलिट्री में अपना आवश्यक सैनिक प्रशिक्षण अभी हाल ही में पूरा किया है और उसने इस बैग से इस कारतूस को निकालना भूल गई। पर पुलिस ने उस पर विश्वास नहीं किया जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में अपील कर अपने खिलाफ कार्यवाही समाप्त करने की मांग की।
इससे पहले के कई मामलों का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि सिर्फ कोई हथियार या कारतूस रखने भर से कोई अपराध नहीं बनता और कोई दोष ठहराने के लिए इस तरह की वस्तुओं को रखने की जानकारी होना जरूरी है।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान महिला के पास से इसके अलावा कोई आपत्तिजनक वस्तुएं नहीं मिली ताकि उसको इस अधिनियम के तहत दोषी ठहराया जा सके सो कोर्ट ने उसके खिलाफ कार्यवाही खारिज कर दी।