हाई कोर्ट इस इस वजह से कार्यवाही को रद्द करने से मना नहीं कर सकता क्योंकि मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

Update: 2018-04-26 05:43 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें उसने एक चार्ज शीट को इस आधार पर रद्द करने से मना कर दिया था क्योंकि इस मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी थी और अभियोजन पक्ष के गवाहों की पेशी हो चुकी है।

एक महिला ने अपने पति और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज़ की मांग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने इस शिकायत में अपनी ननद और उसके पति पर भी आरोप लगाए थे। उसकी ननद और उसके पति के खिलाफ दायर चार्ज शीट को निरस्त करने की मांग इस आधार पर की गई कि शिकायत करने वाली महिला ने खुद ही अपने बयान में कहा है कि उसने अपीलकर्ता का नाम इस केस में गुस्से के कारण डाला और इस पारिवारिक मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। यह भी कहा गया कि दहेज़ की मांग में वे शामिल नहीं हैं।

हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने इस आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामले में सुनवाई शुरू हो जाने के बाद वे अब इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

शीर्ष अदालत में अपील की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एके सिकरी और अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा पेश की गई चार्ज शीट में महिला ने स्पष्ट कहा है कि जहाँ तक ननद और उसके पति की बात है, वे विदेश में रह रहे हैं।

पीठ ने चार्ज शीट को ख़ारिज करते हुए कहा, “...जांच अधिकारी ने अपना दिमाग लगाए बिना यांत्रिक रूप से चार्ज शीट दायर किया है।”


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