PMO ने एयर इंडिया को प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर हुए खर्च के बारे में कुछ भी नहीं बताने को कहा था, RTI से हुआ खुलासा

Update: 2018-03-28 14:32 GMT

आरटीआई से मिली जानकारी से पता चला है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने एयर इंडिया से कहा था कि वह प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर हुए खर्च के बारे में कुछ भी नहीं बताए। आरटीआई आवेदन यह पता करने के लिए डाला गया था कि प्रधानमंत्री के नवंबर 2016 दौरे के बाद से किस तिथि को प्रधानमंत्री के हर विदेशी दौरे पर हुए खर्च का बिल बनाया गया था और इसे किस तारीख को केंद्र को भेजा गया था। प्रधानमंत्री के जापान दौरे के बाद उनको चार्टर्ड विमान एयर इंडिया ने उपलब्ध कराया था।

 आरटीआई दायर करने वाले कमोडोर (अवकाशप्राप्त) लोकेश के बत्रा ने 2016 में ही एयर इंडिया को बता दिया था  कि वह प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के बारे में आरटीआई के तहत पूछे जाने पर इसका कोई जवाब नहीं दे।

 “प्रधानमंत्री के फ्लाइट के बारे में कुछ जानकारियाँ ऐसी हैं जिनके सुरक्षा संबंधी निहितार्थ हैं और इसलिए इन जानकारियों पर आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 8(1) के उपबंध (g) के तहत सार्वजनिक करने पर पाबंदी है। इसलिए एयर इंडिया को सलाह दी गई है कि वह प्रधानमंत्री के फ्लाइट से संबंधित जानकारियाँ आरटीआई के माध्यम से नहीं दे”, पीएमओ ने 26 दिसंबर 2016 को एयर इंडिया को लिखे अपने पत्र में यह कहा है।

 बत्रा ने इसके बाद 20 मार्च को एयर इंडिया को पत्र लिखा कि वह बाह्य दबाव में सूचना देने से मना नहीं कर सकता।

 बत्रा ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के बारे में बनाए गए इनवॉइस से प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ख़तरा पैदा हो जाएगा विशेषकर तब जब यात्रा पूरी हो चुकी है।

 यद्यपि बत्रा ने 2015 से ही प्रधानमंत्री की यात्रा पर हुए खर्च का एयर इंडिया को भुगतान में हुई देरी का मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा पर खर्च के बारे में उनको और पीएमइंडिया वेबसाइट पर अपर्याप्त सूचनाएं दी जाती रही हैं जिसके कारण बत्रा को फरवरी 2018 में इसके बारे में एयर इंडिया को पत्र लिखना पड़ा।

बत्रा ने कहा कि उन्होंने अपने आरटीआई आवेदन में सिर्फ यह जानना चाहा है कि एयर इंडिया के पक्ष में जो इनवॉइस तैयार किया गया उसकी तिथि क्या है। प्रधानमंत्री के 2016 के जापान दौरे से शुरू कर बाद के प्रत्येक दौरे के लिए यह इनवॉइस नागर विमानन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को कब भेजा गया, यह जानकारी बत्रा ने मांगी थी।

 एयर इंडिया के मुंबई कार्यालय (पश्चिमी क्षेत्र) ने बत्रा के पत्र के जवाब में 6 मार्च 2018 को लिखा कि उसे इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से मना किया गया है।

 बत्रा ने इसके जवाब में लिखा कि आरटीआई अधिनियम में बिना कारण बताए सूचना देने से मना करने का प्रावधान नहीं है...दिलचस्प यह है कि पीएमओ, एमओसीए और एमईए भी सीआईसी के आदेश के बाद उनको इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

बत्रा ने कहा कि उन्होंने मेल पीएमओ को भी भेजा है जिसमें उन्होंने कहा है कि सूचना नहीं देने के बारे में एयर इंडिया को पीएमओ की सलाह की जानकारी वह सीआईसी को देंगे।

बुधवार को उन्होंने एयर इंडिया को फिर पत्र लिखकर इस सूचना के बारे में अंतिम रूप से बताने को कहा है।

 यह गौर करने वाली बात है कि बत्रा के लगातार प्रयास के कारण ही पीएमइंडिया वेबसाइट पर प्रधान मंत्री मोदी के सभी विदेशी दौरे के बिल के बारे में विस्तार से सूचना उपलब्ध है।

बत्रा ने कहा कि जब सरकार खुद ही एयरलाइन को उसका बकाया भुगतान नहीं करती है तो वह उस पर घाटे में रहने का आरोप नहीं लगा सकती।

 जब उन्होंने इस मुद्दे को लेकर 2015 में कानूनी लड़ाई शुरू की, पीएमइंडिया वेबसाइट पर काफी कम सूचनाएं उपलब्ध थीं और ये उनकी भूटान यात्रा पर आए खर्च के बारे में थी। यहाँ तक कि उनके पूर्व हुए प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के बिल का भी भुगतान नहीं हुआ था।

बत्रा ने 28 जून 2016 को आरटीआई आवेदन दायर किया था। सीआईसी ने फरवरी में एमईए को इस बारे में सूचना उपलब्ध कराने को कहा था।


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