सुप्रीम कोर्ट ने अधिकरणों में नियुक्ति को लेकर अपने आदेश को स्पष्ट किया [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-03-21 07:53 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकरणों में नियुक्ति को लेकर दिए गए अपने आदेशों को स्पष्ट किया है। यह आदेश विभिन्न अधिकरणों में न्यायिक, तकनीकी और अन्य विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर थी।

एटोर्नी जनरल की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए -

(i) अधिकरणों के अध्यक्षों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श से केंद्र सरकार करेगी।

(ii) केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरणों में न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति के लिए सर्च-कम-सिलेक्शन कमिटी प्रशासनिक सदस्यों की नियुक्ति करेगा।

(iii) सभी अधिकरणों के अध्यक्षों और न्यायिक/प्रशासनिक/विशेषज्ञ/तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति पांच साल के लिए होगी या फिर क़ानून/नियमों द्वारा निर्धारित सर्वाधिक उम्र सीमा तक के लिए होगी।

(iv)  केंद्र सरकार औद्योगिक अधिकरण के सदस्यों के चुनाव के लिए जो समिति गठित की गई थी वह इस कोर्ट के पूर्व आदेश के अनुरूप अपना काम करती रहेगी।

कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में काम कर रहे सभी सदस्यों को आयोग में बने रहने देने की मांग को मान लिया है। अब जिन सदस्यों को 15 मार्च 2018 तक रहने का आदेश था वे अब 31 मई 2018 तक इसमें रह सकते हैं।

पीठ ने इससे पहले वित्त अधिनियम 2017 की धारा 182, 183, 184 और 185 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया था। बुधवार को कोर्ट ने कहा कि वह जुलाई के दूसरे सप्ताह में इस मामले में अंतिम फैसला सुनाएगा।


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