SC जजों की सेवानिवृत्ति की आयु 67 साल और HC जजों की 65 साल हो : संसदीय पैनल की अनुशंसा [रिपोर्ट पढ़ें]

Update: 2018-03-15 07:21 GMT

एक संसदीय पैनल ने सिफारिश की है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 67 साल कर दी जानी चाहिए और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 साल कर दी जानी चाहिए। पैनल का मानना है कि इससे मौजूदा न्यायाधीशों को बनाए रखने में मदद मिलेगी और इसलिए न्यायिक रिक्तियों के साथ-साथ मामलों की लंबितता को कम करने में मदद मिलेगी।

अनुदान मांग (2018-19) पर अपनी 96 वीं रिपोर्ट में, कार्मिक, लोक शिकायत और कानून और न्याय पर भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने नोट किया कि 1 जनवरी 2018 को 55,495 मामले सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं और पूरे देश में उच्च न्यायालयों के सामने 34.27 लाख मामले लंबित हैं। इसमें उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की रिक्तियों का भी ध्यान रखा गया है और यह माना गया है कि सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट -ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन और अन्य बनाम भारतीय संघ के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

इस मामले का संदर्भ बनाते हुए यह दावा किया गया है कि " सुप्रीम कोर्ट की प्रशासनिक पक्ष में जिम्मेदारी है कि संबंधित उच्च न्यायालयों को पहले से रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया आरंभ करने के लिए कहे।”

इसके बाद यह कहा गया है, "समिति का मानना ​​है कि मामलों की लंबितता को कम करने के लिए, न्यायाधीशों के मौजूदा रिक्त पदों को तुरंत भरना होगा और भविष्य में होने वाली रिक्तियों को दूसरे न्यायाधीश के मामले में दिशानिर्देशों के अनुसार कड़ाई से भरना चाहिए। "


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