पद्मश्री लालजी की मृत्य के बाद एडवोकेट ने हवाईअड्डों पर चिकित्सा सुविधा को लेकर नागर विमानन मंत्रालय को भेजा नोटिस

Update: 2018-03-11 15:42 GMT

पद्मश्री लालजी सिंह के बेटे द्वारा लिखे गए पत्र के बाद एक एडवोकेट ने नागर विमानन मंत्रालय के उपसचिव को कानूनी नोटिस भेजकर देश के सभी हवाईअड्डों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को कहा है। लालजी सिंह देश में “डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के जनक” कहे जाते हैं और उत्तर प्रदेश के एक हवाईअड्डे पर उनको दिल का दौरा पड़ा जिससे उनकी मौत हो गई।

एडवोकेट गुरमीत सिंह ने यह नोटिस टीएन द्विवेदी को भेजा है जिसमें उन्होंने हवाईअड्डों पर चिकित्सा सुविधा नहीं होने की बात का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा पूछा है कि हवाईअड्डों पर स्पा हो सकते हैं लेकिन वहाँ चिकित्सा सुविधा क्यों नहीं हो सकती।

 लालजी की मौत 10 दिसंबर 2017 को लालबहादुर शास्त्री हवाईअड्डे पर दिल का दौरा पड़ने से हुई। उन्हें बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया पर उन्हें बचाया नहीं जा सका।

लालजी के बेटे अभिषेक सिंह द्वारा लिखे गए पत्र के बाद एडवोकेट ने यह नोटिस भेजा। इस पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि कैसे उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा जब वे वाराणसी से हैदराबाद जा रहे थे और उनको बचाया नहीं जा सका।

अभिषेक ने कहा कि हवाईअड्डे पर न तो कोई डॉक्टर था न ही ऑक्सीजन की व्यवस्था, यहाँ तक कि व्हीलचेयर या अम्बुलेंस भी वहाँ नहीं था।

उनको दो घंटे के बाद ही हवाईअड्डे से बाहर जे जाया जा सका और वह भी एक निजी वाहन में।

अभिषेक ने कहा कि बाद में डॉक्टरों ने कहा कि अगर उन्हें समय पर प्राथमिक उपचार मिलता तो उन्हें बचाया जा सकता था।

 गुरमीत सिंह ने अपने नोटिस में कहा है कि हवाईअड्डा अमूमन शहर से बाहर होता है इसलिए हवाईअड्डों पर इस तरह के लोगों को उचित प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था का होना जरूरी है।

उन्होंने सरकार से इस बारे में शीघ्र कदम उठाने को कहा है। उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि जिस तरह की सुविधा की मांग की गई है वह ऐसी नहीं है जिसे उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।”

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