INX मीडिया मामला: कार्ति चिदंबरम को ED केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम सरंक्षण नहीं
INX मीडिया मामले मेंपूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से कोई अंतरिम राहत नहीं मिल पाई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने PMLA मामले में ED द्वारा गिरफ्तारी से सरंक्षण की मांग नहीं मानी है। पीठ ने कहा कि इससे लंबित केस में असर पड सकता है।
हालांकि कोर्ट ने ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई आठ मार्च को निर्धारित की है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि ED के इस मामले में कोर्ट कार्ति को अंतरिम सरंक्षण देना चाहिए।
कार्ति पहले ही जांच में सहयोग कर रहे हैं और वो जांच में शामिल भी हो चुके हैं। सिब्बल ने कहा कि इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं है और उसके बिना गिरफ्तारी नहीं हो सकती।
पिता के बैंक में रकम ट्रांसफर करने के आरोप पर सिब्बल ने कहा कि ये आरोप गलत हैं। पिता ने बेटे को लोन दिया था और उसी को अब मनी लांडरिंग का नाम दिया जा रहा है। कार्ति ने सिर्फ इस लोन को चुकाया था। उनके पास इस बारे में सारे बैंक ट्रांजेक्शन व रिकार्ड मौजूद हैं। ऐसे में कोर्ट के अंतरिम सरंक्षण देने में कोई हर्ज नहीं है।
वहीं ED की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने इसका कडा विरोध किया। उन्होंने कहा कि कार्ति को कोई संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। अगर कोई अंतरिम सरंक्षण दिया जाता है तो इसका लंबित केस पर असर पडेगा। वो अभी सीबीआई हिरासत में है और आगे भी सीबीआई हिरासत की मांग करेगी। मेहता ने कहा कि फिलहाल किसी नोटिस की जरूरत नहीं है।
इस दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि फिलहाल कोई राहत नहीं दे रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने एफआईपीबी अनुमोदन के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके खिलाफ शुरू की गई सभी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है।
2006 और 2007 में एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया मामले में पूछताछ करने के लिए ईडी द्वारा जारी समन कोभी चुनौती दी है।
याचिका में कार्ति ने कहा है कि ईडी की कार्रवाई को भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 के तहत देखा जाना चाहिए।"
कार्ति को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। ईडी के अधिकार पर सवाल करते हुए, कार्ति ने कहा है कि सीबीआई पहले ही 15 मई, 2017 को पंजीकृत मामले की जांच कर रही है और ईडी के पास इस मामले के लिए उन्हें बुलाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी का मकसद उन्हें परेशान करना है और पूरे परिवार का अपमान करना है।