केरल हाईकोर्ट में धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाने वालों के लिए शरीयत कानून के नियम लागू करने की अर्जी दाखिल [याचिका पढ़े]

Update: 2018-03-05 05:13 GMT

 केरल उच्च न्यायालय ने अपना धर्म परिवर्तन करइस्लाम धर्म अपनाने वालों  के लिए शरीयत कानून के नियमों के गठन को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

ये याचिका मुवाट्टूपुजहा के थैडेवॉस अबू थालिब ने याचिका दायर की है, जो एक ईसाई के रूप में पैदा हुए लेकिन तीन साल पहले उन्होंने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपना लिया।

 वह अब मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 की धारा 3 के कार्यान्वयन के लिए  शरियत कानून के तहत आना चाहते हैं।

उन्होंने तर्क दिया, " याचिकाकर्ता के पास इस्लाम में अपना रूपांतरण साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं है। याचिकाकर्ता मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा शासित होना चाहता है।

याचिकाकर्ता नेमुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) की धारा 3 (1) केआवेदन अधिनियम के तहत अर्जी दी लेकिन जांच पर पता चला कि राज्य सरकार ने अभी तक निर्धारित नियम के तहत किसी भी प्राधिकरण को नहीं बनाया है।

याचिकाकर्ता ने राज्य की ओर से इसे “ घोर लापरवाही" बताते हुए मांग की, " मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन एक्ट में प्रदान की गई वैधानिक घोषणा की तत्काल जरूरत है। यह याचिकाकर्ता का मौलिक अधिकार है कि वो अपनी मर्जी से धार्मिक आस्था चुने। मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन एक्ट में प्रदान की गई घोषणा याचिकाकर्ता  का मौलिक अधिकार है। परन्तु केरल में याचिकाकर्ता को इस तरह की घोषणा करने का कोई उपाय नहीं है । "


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