सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट का लाइसेंस रद्द करने के तमिलनाडु बार काउंसिल के निर्णय को स्थगित किया; बीसीआई से इस पर अंतिम निर्णय लेने को कहा [आर्डर पढ़े]
सुप्रीम कोर्ट ने एक एडवोकेट का लाइसेंस रद्द करने के तमिलनाडु और पुदुचेरी बार काउंसिल की विशेष समिति के फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से कहा है कि वह इसका पंजीकरण रद्द करे क्योंकि उसने अपने पंजीकरण के समय इस तथ्य को छुपाया था कि वह एक आपराधिक मामले में शामिल था।
न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने राज्य बार काउंसिल के 13 दिसंबर 2017 के फैसले को स्थगित कर दिया। काउंसिल ने एडवोकेट एम अंटोनी सेल्वाराज के लाइसेंस को रद्द कर दिया लेकिन उसने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया को इस बारे में अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया।
एडवोकेट सेल्वाराज ने इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 9 जनवरी को अपील की थी जिसने उसको किसी भी तरह की राहत देने से मना कर दिया था और बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से इस बारे में त्वरित कार्रवाई करने और राज्य बार काउंसिल के निर्णय पर आठ सप्ताह के भीतर उसके पंजीकरण पर फैसला लेने को कहा था।
बीसीआई सेल्वाराज के वकील की इस दलील से सहमत था कि राज्य बार काउंसिल को लाइसेंस रद्द करने का अधिकार नहीं है।