फेसबुक पर तय किए गए आधुनिक विवाह असफल ही होंगे : गुजरात हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-01-26 09:59 GMT

गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस जे बी पारदीवाला ने कहा है कि फेसबुक पर तय किए गए आधुनिक विवाह असफल ही होंगे। जस्टिस पारदीवाला  ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए, 323, 504 और 114 और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत दर्ज की गई  एफआईआर को रद्द करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

तथ्य

X का  विवाह 8 फरवरी, 2015 को Y से हुआ था। पहले शिकायतकर्ता  (X) के मुताबिक, वह फेसबुक पर Y [ अभियुक्त 1] के साथ संपर्क में आई और उसके बाद उन्होंने एक दूसरे से मिलना शुरू कर दिया। उनका विवाह हुआ और उसके बाद दो महीने के भीतर उनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हुईं।

पति [Y ] उच्च न्यायालय में पहले कार्यवाही में एक पक्षकार नहीं है। हालांकि ससुर, सास और देवर को भी आरोपी बनाया गया है। उन्होंने अपने खिलाफ कार्यवाही रद्द करने के लिए मौजूदा याचिका दायर की। लेकिन एफआईआर में मुख्य आरोप पति के खिलाफ हैं।सुनवाई के दौरान X के लिए पेश वकील ने कहा कि पति और पत्नी के बीच विवाद से याचिकाकर्ताओं का ज्यादा संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जहां तक उनका  संबंध है, FIR रद्द की जा सकती है।

इस दलील को दर्ज करने के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ FIR रद्द कर दी। हाईकोर्ट ने अनुरोध किया कि पक्षकारों ने मसले को सुलझाने का प्रयास किया, हालांकि इसका निपटारा नहीं किया जा सका।

कोर्ट ने कहा, "मैं अभी भी इस बात को कहता  हूं कि पार्टियों को निपटारे  की संभावना का पता लगाना चाहिए और सहमति के साथ विवाह को समाप्त करना चाहिए। दोनों पक्ष युवा हैं और विवाह भंग हो जाने के बाद वे अपने जीवन के भविष्य के अवसरों के बारे में सोच सकते हैं।”


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