चारा घोटाले में तीसरा फैसला, लालू यादव को पांच साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना
चारा घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल चीफ लालू प्रसाद यादव को एक और झटका लगा है। चाईबासा कोषागार गबन मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए लालू को पांच साल की सजा सुनाई है और दस लाख रुपये जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को पांच साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
चाईबासा गबन के इस मामले में कोर्ट ने 56 आरोपियों में से 50 को दोषी ठहराया है। इनमें तत्कालीन मंत्री विद्या प्रसाद प्रसाद को तीन साल की सजा सुनाई गई है। चारा घोटाले का यह तीसरा मामला है जिसमें लालू को सजा सुनाई गई है।
लालू यादव फिलहाल चारा घोटाले के देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में सजा पाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकाल लिए गए थे।
यह निकासी वर्ष 1992 से 1993 के बीच हुई थी। इसमें नेताओं, पशुपालन अधिकारी और आईएएस अधिकारियों की मिलीभगत से 67 जाली आवंटन पत्रों पर 35 करोड़, 62 लाख रुपये निकाल लिए गए थे जबकि मूल आवंटन सात लाख 10 हजार रुपये ही था। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में 12 दिसंबर, 2001 को 76 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
हालांकि ट्रायल के दौरान ही 14 आरोपियों की मौत हो गई। तीन आरोपी सरकारी गवाह बन गए जबकि दो आरोपियों ने दोष स्वीकार कर लिया। मामले कुल 56 आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे थे। इनमें लालू यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा समेत छह नेता शामिल हैं। मालूम हो कि दिसंबर 2017 में सीबीआई कोर्ट ने देवघर के सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में भी लालू यादव को दोषी करार दिया था।