आरोपी को जमानत में इसलिए विशेष तरजीह नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह विदेशी है : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

Update: 2018-01-24 06:35 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि किसी आरोपी को जमानत देने के समय सिर्फ इसलिए विशेष तरजीह नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह विदेशी है।

न्यायमूर्ति एनवी रामना और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर की पीठ ने कहा, “सीआरपीसी की धारा 439 के तहत हर आरोपी बराबर है भले ही उसकी राष्ट्रीयता कुछ भी क्यों न हो।”

पीठ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही। यह आदेश रेशन चन्द कालेर नामक एक ब्रिटिश नागरिक को हत्या के एक मामले में जमानत देने से जुड़ा है। एफआईआर में कहा गया है कि कालेर ने जमीन के लिए हुए विवाद में कहासुनी के बाद कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर एक व्यक्ति को गोली मार दी और कुछ अन्य लोगों को घायल कर दिया।

शिकायतकर्ता लछमन दास ने अब इस आदेश को चुनौती दी है और कहा है कि अपराध बहुत गंभीर है...कालेर इस मामले में प्रमुख षड्यंत्रकारी है और इस अपराध में एक आदतन अपराधी कुलबीर सिंह भी शामिल है जो कि हत्या के 13 मामलों में आरोपी है। उसने अपील की थी कि अगर इन्हें जमानत दी गई तो ये जांच की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। राज्य ने हमारी दलील को माना था।

कोर्ट ने पेश दस्तावेजों पर गौर करने के बाद कहा कि कालेर के खिलाफ मामला बनता है और उसने कालेर को विशेष तरजीह देने के लिए हाई कोर्ट की आलोचना की।


 Full View

Similar News