इंदिरा जयसिंह ने कहा, जज लोया के मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में उनकी सहमति की बात कहना गलत
मंगलवार को एक ट्वीट में वरिष्ठ एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में गलती से यह कहा है कि जज लोया के मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने में उनकी सहमति थी।
“मैंने कहा कि इसे सही किया जाना चाहिए, मैंने इस ओर इशारा करते हुए कहा कि हस्तक्षेप संबंधी मेरा आग्रह रिकॉर्ड किया गया है। इसलिए इस स्वाभाविक गलती को अवश्य ही ठीक किया जाना चाहिए। जजों ने हमारे आग्रह को मान लिया।”
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 22 जनवरी को अपने आदेश में कहा था, “हमें बताया गया है कि बॉम्बे हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। ...हम समझते हैं कि उक्त दोनों रिट याचिका को इस कोर्ट में ट्रांसफर करना ज्यादा अच्छा होगा और इसलिए हम ऐसा आदेश देते हैं। श्री दवे और सुश्री जयसिंह ने इस कार्रवाई से सहमति जताई है।”
जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट की इसी बात को अब नकारा है और इसको हटाये जाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
लाइव लॉ से बात करते हुए जयसिंह ने कहा, “22 जनवरी के आदेश के पृष्ठ 3 पर यह रिकॉर्ड किया गया है कि दवे और जयसिंह ने इस कार्रवाई पर सहमति जताई कि उक्त दोनों याचिकाओं को हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर कर दिया जाए। मैं दोनों में से किसी भी याचिकाकर्ता की पैरवी नहीं कर रही हूँ, जबकि श्री दवे ने कहा कि वे बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की पैरवी कर रहे हैं।”