2013 ऑनर किलिंग में नासिक कोर्ट ने 6 लोगों को मौत की सजा सुनाई

Update: 2018-01-20 12:04 GMT

महाराष्ट्र के नासिक जिले की एक अदालत ने साल 2013 में ऑनर किलिंग को लेकर तीन दलित युवकों की नृशंसा हत्या के मामले में छह लोगों को मौत की सजा सुनाई है।

सेशन जज आर आर वैष्णव ने छह लोगों को मौत की सजा सुनाते हुए दोषियों पर  बीस-बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 120 B के तहत दोषी करार देकर सजा ए मौत दी गई है।

दोषियों में पोपट विश्वनाथ दरंदले, प्रकाश विश्वनाथ दरंदले,रमेश विश्वनाथ दरंदले, गणेश पोपट दरंदले, अशोक नवगिरे और संदीप कुन्हें शामिल हैं जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया।

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का सोनई गांव में 1 जनवरी 2013 को तीन दलित युवकों की बेहद बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। इन युवकों के शरीर के क्षत-विक्षत अंग एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुए थे।

 जाति के नाम पर यहां एक ऐसी ऑनर किलिंग हुई थी जिससे पूरे अहमदनगर जिले में सनसनी फैल गई थी। जानकारी के मुताबिक सचिन घारू नाम के लड़के का गांव का ही एक ऊंची जाति की लड़की से अफेयर चल रहा था, दोनों शादी करना चाहते थे। इससे लड़की के परिवार वाले बेहद नाराज थे।

परिवार ने सचिन और उसके साथियों को बड़ी रकम देने का लालच देकर अपने घर  की सेप्टिक टैंक साफ़ करने का काम करने के लिए बुलाया। जब तीनों काम करने आए तो पोपट दरंदले (मुख्य आरोपी ) ने अपने भाई बेटे और रिश्तेदार के साथ मिलकर संदीप धनवार को पहले सेप्टिक टैंक में ही डूबा कर मार डाला फिर राहुल को तेज धार के हत्यार से मारा और घास काटने वाले औजार से सचिन घारू के हाथ पाँव और सर काट कर फेंक दिए।

मामले की सुनवाई अहमद नगर कोर्ट में होनी थी लेकिन मृतकों के परिवार वालों ने कोर्ट में अर्जी लगातर केस तो ट्रांसफर करने की मांग की क्योंकि उन्हें आशंका थी कि आरोपी केस में दबाव डाल सकते हैं। इसके बाद केस को नासिक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। महाराष्ट्र सरकार की ओर से  वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने पैरवी की और ट्रायल के दौरान 53 लोगों की गवाही भी हुई।

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