"अभी SC और न्यायिक प्रणाली का ऋण चुकाया नहीं है": वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कोर्ट प्रैक्टिस छोडने का फैसला वापस लिया

Update: 2017-12-28 15:56 GMT

 वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने  भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक पत्र लिखकर कोर्ट प्रैक्टिस छोडने  के अपने फैसले को वापस ले लिया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि  उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और  न्यायिक प्रणाली का कर्ज चुकता नहीं किया है।

   पत्र के अनुसार धवन ने ये फैसला अदालत के कई पूर्व और वर्तमान जजों व कई वकीलों के अनुरोध के बाद किया है जिन्होंने  बयान को वापस लेने के लिए कहा था।  इसके अलावा, उन्होंने इस तथ्य को भी उजागर किया है कि वह बाबरी मस्जिद के मामले समेत कई मामलों में शामिल हैं और वो लंबित मामलों में अपने दायित्वों को पूरा करने का इरादा रखते हैं।

 अपना बयान वापस लेने की बात करते हुए धवन  लिखते हैं, "अदालत और इसकी कार्यवाही में मौलिक रूप से कुछ गलत हो रहा है लेकिन मैं कानून के शासन में कभी भी विश्वास नहीं छोड़ूंगा, जिसके लिए कानूनी समुदाय सहित पूरी न्यायपालिका लोगों की संरक्षक है।

 मैं अपने पुस्तक भारतीय संविधान: चमत्कार, सरेंडर, आशा (2017) में व्यक्त की तुलना में अधिक नहीं कह रहा हूं जिसकी एक प्रति संलग्न करता हूं।

 जैसे नया साल समाप्त होता है प्रत्येक अपराध को भूलकर माफ किया जाना चाहिए। "

गौरतलब है कि राजीव धवन ने इस महीने के शुरू में कोर्ट प्रैक्टिस छोडने का फैसला किया था। CJI मिश्रा को लिखे अपने पत्र में उन्होंने लिखा था, "दिल्ली केस के अपमानजनक अंत के बाद मैंने कोर्ट प्रैक्टिस को छोड़ने का फैसला किया है। आप मुझे मेरे वरिष्ठ गाउन को वापस लेने के हकदार हैं, हालांकि मैं इसे यादों और सेवाओं के लिए रखना चाहूंगा। "

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