2G स्पैक्ट्रम घोटाला : विशेष अदालत ने राजा और कनिमोई समेत सारे आरोपी बरी किए [निर्णय पढ़ें]

Update: 2017-12-21 15:36 GMT

पटियाला हाउस की विशेष सीबीआई अदालत ने  पूर्व दूरसंचार  मंत्री ए राजा और डीएमके सासंद कनिमोई समेत हाईप्रोफाइल आरोपियों वाले बहुचर्चित 2G स्पैक्ट्रम घोटाले में सभी आरोपियों को बरी कर  दिया है।

 गुरुवार को ये बडा फैसला सीबीआई कोर्ट में जज ओपी सैनी ने सुनाया और सीबीआई पर बडे सवाल उठाए।

दरअसल कोर्ट तीन मामलों की सुनवाई कर रही थी जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय ( ED) का था। तीनों केसों में आरोपियों को बरी कर दिया गया।

पहले सीबीआई केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.राजा के अलावा डीएमके की कनिमोई, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए. राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक कंपनी के एमडी संजय चंद्रा, कुशेगांव फ्रूटस एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल, कलाईगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी के अलावा रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरि नैयर आरोपी थे। इसके अलावा तीन कंपनियों स्वान टेलीकॉम लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस ( तमिलनाडू) को भी आरोपी बनाया गया।

अक्तूबर 2011 में कोर्ट ने उनके खिलाफ  भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से लेकर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, फर्जीवाडा, फर्जी कागजात बनाने, पद का दुरुपयोग, सरकारी दुराचरण आदि के आरोप तय किए थे। अप्रैल 2011 में दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने कहा था कि  सीबीआइ का कहना था कि 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े 122 लाइसेंस गलत तरीके से आवंटित किए गए जिससे सरकारी खजाने को 30,984 करोड रुपये का नुकसान पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2012 में सभी लाइसेंस रद्द कर दिए थे।

कोर्ट ने सीबीआई की ओर से 154 गवाहों के बयान दर्ज किए जिनमें अनिल अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी और नीरा राडिया शामिल हैं। ये करीब 4400 पेज के हैं। इन मामलों में छह महीने से लेकर उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान था।

सीबीआई के दूसरे मामले में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया व अंशुमान रुइया, लूप टेलीकॉम के प्रमोटर किरण खेतान व उनके पति आईपी खेतान और एस्सार ग्रुप के निदेशक विकास श्राफ शामिल हैं। चार्जशीट में लूप टेलीकॉम लिमिटेड, लूप इंडिया मोबाइल लिमिटेड और एस्सार टेली होल्डिंग लिमिटेड कंपनियां भी आरोपी थी।

तीसरे मामले में ED ने अप्रैल 2014 में ए राजा, कनिमोई, शाहिद बलवा, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, विनोद गोयंका, करीम मोरानी और शरद कुमार समेत 19 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें ED ने डीएमके चीफ करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल को भी नामजद किया था। आरोप था कि स्वान टेलीकॉम से 200 करोड रुपये डीएमक के कलाईगनार टीवी को दिए गए। ED ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट ( PMLA ) के प्रावधान के  मामला दर्ज किया था।


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