सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे के स्थगन के लिए मुकदमेबाज पर लगाया 50 हजार रुपए का जुर्माना

Update: 2017-12-20 10:07 GMT

बेंच ने कहा कि प्रतिवादी नंबर 3 को इस स्थगन का घाटा क्यूं भुगतना पड़े जो कि चेन्नई से अपने वकील के साथ यहाँ आया है

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेल्मेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की बेंच ने मुकदमे के स्थगन के लिए एक मुकदमेबाज पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है।

जब बेंच के समक्ष विशेष अनुमति याचिका सुनवाई के लिए आई तो मीनाक्षी एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड के वकील ने मामले की सुनवाई में बहस करने वाले वकील की अनुपलब्धता के कारण सुनवाई स्थगित करने की मांग की।

बेंच ने कहा, “हमारा मानना है कि प्रतिवादी नंबर 3 को इस स्थगन का घाटा क्यूं भुगते जो कि चेन्नई से अपने वकील के साथ यहाँ आया है।”

इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 जनवरी 2018 तक के लिए स्थगित कर दिया बशर्ते कि वह प्रतिवादी नंबर 3 आनंद कुमार झावर को उनकी यात्रा पर हुए खर्च की भरपाई के लिए 50 हजार रुपए का भुगतान कर दे।

आनंद कुमार झावर ने एक याचिका दायर कर कोर्ट से मीनाक्षी एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दायर करने का निर्देश देने की मांग की थी क्योंकि इस कंपनी ने उसकी परिसंपत्ति से उसे अलग कर दिया है।

हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि झावर के पार्टनरों, मिनाक्षी एंटरप्राइज के प्रबंध निदेशक और गैरकानूनी बेदखली में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए। हाई कोर्ट ने उन पर आपस में मिलकर निचली अदालत के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था।

हाई कोर्ट ने इस मामले को “एक नजीर बताया कि कैसे एक चतुर मुकदमेबाज कानूनी प्रक्रिया का प्रयोग कर गैरकानूनी काम करता है”।

मीनाक्षी एंटरप्राइज ने इस वर्ष जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस आदेश को चुनौती दी थी।

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