गुजरात कांग्रेस को नहीं मिली राहत, SC ने मतगणना में दखल देने से इंकार किया

Update: 2017-12-15 14:13 GMT

गुजरात चुनाव की मतगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची गुजरात कांग्रेस को कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना प्रक्रिया में दखल देने से इंकार कर दिया। इसके बाद ये याचिका कोर्ट से वापस ले ली गई।

शुक्रवार को गुजरात कांग्रेस के सचिव मोहम्मद आरिफ राजापूत की ओर ये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को ये निर्देश दे कि वो गुजरात विधानसभा चुनावों की मतगणना के लिए कम से कम 20 से 25 फीसदी ईवीएम मशीनों की गणना का VVPAT की पेपर ट्रेल से मिलान कराए।

दोपहर में ही इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने की। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि चुनाव आयोग ने तय किया है कि वो गुजरात में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ की EVM का औचक परीक्षण करेगा। पूरी विधानसभा में करीब 50 हजार EVM लगाई गईं जो पूरी तरह VVPAT से जोडी गई। ऐसे में चुनाव आयोग 20 फीसदी EVM के परिणाम का VVPAT के पेपर ट्रेल से मिलान करे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को ये निर्देश जारी करे।

इस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि ऐसे वक्त पर सुप्रीम कोर्ट मतगणना प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकता। वहीं जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में तभी दखल दे सकता है जब याचिकाकर्ता ये सबूत दे कि चुनाव आयोग इस मामले में मनमाना रवैया अपना रहा है। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो PIL के जरिए चुनाव सुधार को लेकर इस तरह की गुहार लगा सकता है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने इस अर्जी को वापस ले लिया। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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