मौलिक मामलों का प्रबंधन : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को खुद कोर्ट में मौजूद रहकर उसके सात सवालों का जवाब देने का आदेश दिया [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-12-15 09:01 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को कोर्ट में निजी रूप से उपस्थित रहने और दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किए जाने वाले मूल मामलों के प्रबंधन से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने का आदेश दिया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि दिल्ली हाई कोर्ट ओरिजिनल साइड रूल्स एंड प्रैक्टिसेज डाइरेक्शन्स में संशोधन किए जाने हैं।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्टों को पढने के बाद कहा, “अब स्थिति से निपटने के लिए नियमों में नए तरह के परिवर्तन के प्रस्ताव किए जा रहे हैं।”

बेंच ने कहा, “हमें इस बात का विश्वास है कि जब भी नए नियमों के प्रस्तावित ड्राफ्ट दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्ण कोर्ट के समक्ष पेश किया जाता है, वह उस पर गौर करेगा।” बेंच ने कहा कि वह चाहेगा कि नियम xii से xv और xix में निहित प्रावधानों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल दिनेश कुमार शर्मा से निम्नलिखित प्रश्न पूछे हैं :




  1. कितने जॉइंट रजिस्ट्रार/आयुक्त एविडेंस को रिकॉर्ड करते हैं;

  2. जॉइंट रजिस्ट्रार हर दिन कितने मामले को निपटाते हैं और एविडेंस की रिकॉर्डिंग पर एक दिन में कितना समय लगाते हैं;

  3. क्या एविडेंस की इस तरह की रिकॉर्डिंग हर कार्य दिवस पर होता है;

  4. एविडेंस की रिकॉर्डिंग के लिए कुल कितने आयुक्तों की नियुक्ति की गई है; हर दिन कितने केस निपटाए जाते हैं;

  5. पिछले सात दिनों में जॉइंट रजिस्ट्रार/आयुक्तों द्वारा रिकॉर्ड किए गए एविडेंस को कोर्ट के सामने रखा जाए;

  6. आयुक्त को एक दिन के काम के लिए औसतन कितनी राशि मिलती है;

  7. आईपीआर मामलों की स्थिति क्या है, आज की तिथि में (इनकी संख्या 147 है) अंतिम सुनवाई के लिए कितने मामले लंबित हैं और नियमित सुनवाई के लिए ये कितनी अदालतों में सूचीबद्ध हैं?


कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को इन सभी प्रश्नों एवं अन्य सवालों का उत्तर देने के लिए अपनी टीम के साथ 9 जनवरी को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है जब इस मामले की अगली सुनवाई होगी।


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