लैब रिपोर्ट पर स्नातकोत्तर की डिग्री वाले रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर ही हस्ताक्षर कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट [आर्डर पढ़े]
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (एमसीआई) के नजरिये का समर्थन करते हुए कहा, “लेबोरेटरी रिपोर्ट पर पैथोलॉजी में स्नातकोत्तर की डिग्री रखने वाला कोई रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर ही साइन कर सकता है।”
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर बानुमती की पीठ ने एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। इस याचिका में गुजरात हाई कोर्ट द्वारा सितम्बर 2010 में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है। इस फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था कि लेबोरेटरी तकनीशियन पैथोलोजिस्ट नहीं होते और इसलिए वे स्वतंत्र रूप से लेबोरेटरी नहीं चला सकते।
हाई कोर्ट ने कहा था कि लेबोरेटरी तकनीशियन एमसीआई में रजिस्टर्ड नहीं होते जबकि पैथोलॉजी के डॉक्टर जिनके पास एमबीबीएस की डिग्री होती है इसमें रजिस्टर्ड होते हैं। सिर्फ ये पैथोलोजिस्ट ही इस तरह के रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
इस बीच, इस वर्ष जुलाई में, एम्सीआइ ने एक निर्देश जारी किया था जिसमें उसने कहा था कि सभी लैब रिपोर्ट पर एमबीबीएस की डिग्री रखने वाले और एमसीआई या राज्य चिकित्सा परिषद में पंजीकृत डॉक्टर ही साइन कर सकते हैं।