खऱाब नेट कनेक्शनः महिला वकील ने एमटीएनएल के खिलाफ दो साल बाद जीती कानूनी लड़ाई [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-11-30 14:11 GMT

ओबामा ने कहा था “इंटरनेट लग्जरी नहीं अनिवार्यता है।काम से लेकर स्टडी तक में इंटरनेट एक महत्वपूर्ण साधन”

एमटीएनएल के खराब इंटरनेट कनेक्शन के कारण सफर करने और इस कारण परेशनी का सामना करने वाली महिला ने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया और दो साल बाद उन्हें 10 हजार रुपये का मुआवजा मिला है। साथ ही आयोग ने एमटीएनएल से कहा

है कि वह उपभोक्ता का इंटरनेट कनेक्शन बहाल करें और लिए गए एक्स्ट्रा चार्ज वापस करें।

नॉर्थ ईस्ट के जिला उपभोक्ता अदालत के प्रेसिडेंट एनके शर्मा और मेंबर सोनिका महरोत्रा ने एमटीएनएल को सेवा में कोताही का दोषी माना और कहा कि उन्होंने अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस की है और इसके लिए वह दोषी हैं।

इस मामले में एडवोकेट ममतेश शर्मा जो कि पेशे से वकील हैं ने एमटीएनएल से ब्रॉड बैंड कनेक्शन लिया। उन्हें अपने पेशेवर काम के लिए और बच्चों की स्टडी के लिए नेट का काम काम होता है। इस कारण कनेक्शन लिया लेकिन इस दौरान उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मामले में उन्होंने फरवरी 2015 में शिकायत की थी लेकिन एमटीएनएल ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। चूंकि नेट कनेक्शन खराब था इस कारण लोग काफी परेशान हुए। बच्चों की स्टडी प्रभावित हुई।

इसके बाद शिकायती के पास कोई चारा नहीं बचा और उन्होंने नया मोडम खऱीदा और 14 फरवरी 2015 को एमटीएनएल ऑफिस दिलाशाद गार्डन में पुराने मोडम को सरेंडर कर दिया। और अर्जी दाखिल कर कहा कि चूंकि वह मोडम सरेंडर कर चुकी हैं ऐसे में उनसे मासिक फीस न ली जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि जब मो़डम रिटर्न करने वह गईं तो उन्हें 1350 का डिमांड स्लिप दिया गया और कहा गया कि अगर वह स्लिप पर साइन नहीं किया तो 100 प्रति महीने बिल में लगाया जाएगा। फिर उन्होंने साइन कर दिया।

शिकायती का कहना था कि 20 साल से एमटीएनएल कनेक्शन लगा हुई था जब कनेक्टविटी खराब हुई तो मोडम वापस कर दिया गया लेकिन फिर भी 1350 रुपये चार्ज लिए गए और साथ ही मासिक रुपये चार्ज किया गया।

इस बारे में एनटीएमएल के जनरल मैनेजर और एरिया मैनेजर को लिखा गया 27 मार्च 2015 को और कहा कि 1350 का पेमेंट किया जा चुका है लेकिन कनेक्शन खत्म हो गया। लेकिन अप्रोच करने पर कहा गया कि 2325 रुपये देने होंगे जबकि मासिक रेंट 657 रुपये था। शिकायती ने आयोग को कहा कि एमटीएनएल ने अनफेयर व्यवसाय किया है और कहा कि सेवा में कोताही है और मुआवजे के तौर पर मानसिक तौर पर तनाव देने के लिए 80 हजार रुपये मुआवजा मांगा साथ ही 15000 रुपये मुकदने का खऱ्च मांगा। फोरम को बताया कि एमटीएनएल ने स्टेरलाइट मोडम और एलएएन भी मांगा और कहा कि अमाउंट एडजस्ट कर दिया जाएगा। लेकिन कुछ नहीं किया गया।

एमटीएनएल ने कहा कि शिकायती का मामला नहीं बनता। शिकायती की गलत धारणा है कि वाइफाई मोडम जारी किया गया और वापसी साधारण मोडम का किया गया। एमटीएनएल ने मामले में विवाद के निपटारे के लिए ऑफर किया और कहा कि फंड को एडजस्ट कर दिया जाएगा।

अयोग ने कहा कि एमटीएनएल ने इस बात का आश्वासन देने के बाद कि वह फंड एडजस्ट करेगा उसने ऐसा नहीं किया और संतुष्टिदायक प्रयास नहीं किया। ऐसी परिस्थितियों में एमटीएनएल को निर्देश दिया जाता है कि वह तुरंत शिकायती के एमटीएनएल का कनेक्शन बहाल करे। साथ ही 1246 प्रति महीने के बिल को वापस ले। अक्टूबर 2016 से इसे वापस करे और साथ ही 7 हजार रुपये मानसिक प्रताड़ना के मामले में भुगतान करे और 3 हजार रुपये मुकदमे खर्च के एवज में भुगतान करे।


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