मुस्लिम पिता अपने बेटे की विधवा का खर्च वहन करने के लिए बाध्य नहीं : कलकत्ता हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

Update: 2017-11-26 09:34 GMT

कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक श्वसुर को अपने पुत्र की विधवा के गुजारे का खर्च वहन करने से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उसका खर्च भरने के लिए वह बाध्य नहीं है।

याचिकाकर्ता शबनम परवीन ने अपने श्वसुर से गुजारा खर्च की मांग करते हुए कोर्ट में अपील की थी। शबनम ने कोर्ट से कहा था कि उसके पति के मर जाने के बाद उसके श्वसुर ही परिवार के मामले को देख रहे थे।

उसकी याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति मो. मुमताज खान ने कहा कि चूंकि दोनों ही पक्ष मुसलमान हैं, इसलिए मुस्लिम निजी क़ानून ही इस मामले में लागू होगा।

कोर्ट ने कहा, “पीडब्ल्यूडीवी अधिनियम, 2005 के प्रावधान के अनुसार, दोनों ही पक्ष मुसलमान हैं और इसलिए इस्लामिक क़ानून के तहत विरोधी पक्ष, जो कि श्वसुर है, अपने बेटे की पत्नी के गुजारे का खर्च चलाने के लिए बाध्य नहीं है।


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