सीआईसी की पूर्ण पीठ ने इंडियन बैंक एसोसिएशन को आरटीआई के तहत पब्लिक अथॉरिटी घोषित किया [आर्डर पढ़े]
एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में केंद्रीय सूचना आयोग की पूर्ण पीठ ने आरके जैन एवं अन्य बनाम आईबीए मामले की सुनवाई के दौरान इंडियन बैंक एसोसिएशन को सूचना का अधिकार के तहत सार्वजनिक अधिकरण घोषित कर दिया है। आईबीए बैंकिंग उद्योग की निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। आईबीए इसके अलावा प्रधानमंत्री जनधन योजना की निगरानी भी कर रहा था। वह इसके लिए मीडिया और प्रचार का कार्य भी देख रहा था। आधिकारिक दस्तावेज में उसे प्रधानमंत्री जनधन योजना में साझीदार दिखाया गया है। नोटबंदी के दौरान नोट बदलने की सीमा के भी निर्धारण में उसकी भूमिका थी। इसके आलावा, आईबीए बैंकों के क्रियाकलाप की समीक्षा के लिए होने वाली वित्त मंत्रालय की तिमाही बैठकों में भी भाग लेता था।
हालांकि, वर्ष 2008 में सीआइसी की एकल बेंच ने कहा था कि नहीं है आरटीआई अधिनियम के तहत उसे आम नागरिकों को जानकारी देनी चाहिए लेकिन यह कहा कि इस अधिनियम के तहत आईबीए सार्वजनिक अधिकरण नहीं है। पर अब इस निर्णय को बदल दिया गया है।
सीआइसी ने अब आईबीए को एक सीपीआईओ की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है ताकि जनता द्वारा माँगी गई जानकारी उन्हें 30 दिनों के भीतर दी जा सके।