हरिद्वार के रिसार्ट को लेकर मुख्यमंत्रियों ने की बैठक, सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते का और वक्त दिया

Update: 2017-11-14 05:10 GMT

हरिद्वार के एक रिसार्ट को लेकर उत्तर प्रदेश और उतराखंड के बीच कानूनी लडाई अब खत्म हो सकती है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से AAG ऐश्वर्या भाटी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आपस में बैठक की है और जल्द ही मामले का हल निकाल लिया जाएगा।

इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को समझौता करने के लिए दो हफ्ते का और वक्त दे दिया है।

दरअसल 2004 से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के बीच चल रही एक कानूनी लडाई पर सुप्रीम कोर्ट अब सख्त हो गया था।

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच ने दोनों सरकारों की जमकर खिंचाई की थी। हरिद्वार के एक रिसार्ट मालिकाना हक को लेकर दोनों राज्यों के बीच चल  रही लडाई पर नाराजगी जताते हुए बेंच ने ये तक कह दिया कि इस मुद्दे पर दोनों राज्य बच्चों की तरह लड रहे हैं जबकि ये मामला आपसी बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि क्या हालात ऐसे हो गए हैं कि एक दूसरे पर आर्मी छोड देंगे ? कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर वो दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब करेगा।

हालांकि यूपी सरकार की ओर से पेश AAG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट में कहा था कि दोनों राज्यों के बीच हाईलेवल मीटिंग बुलाई जाएगी और इस मुद्दे का हल निकालने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कोर्ट से इसके लिए कुछ वक्त देने की गुहार लगाई।

इस पर कोर्ट ने दोनों राज्यों को 13 नवंबर तक बातचीत के जरिए सुलझाने और कोर्ट को इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर तब तक समाधान नहीं हुआ तो कोर्ट दोनों राज्यों के  मुख्य सचिवों को तलब करेगा।

पेश मामला 2004 से उतराखंड के हरिद्वार स्थित अलखनंदा रिसार्ट का है। इसी को लेकर सालों से यूपी और उत्तराखंड सरकार के बीच खींचतान रही है।दरअसल ये रिसार्ट यूपी टूरिज्म के अधीन है। अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड ने यूपी से रिसार्ट मांगा था क्योंकि ये उसके राज्य में है लेकिन इसे देने से यूपी सरकार ने मना कर दिया। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा था और केंद्र सरकार ने भी रिसार्ट को उत्तराखंड को देने को कहा था।

इसी को लेकर यूपी सरकार ने 2004 में सुप्रीम कोर्ट में सिविल सूट दाखिल किया जिसकी सुनवाई चल रही है।यूपी सरकार का कहना था कि हरिद्वार में उसके दो रिसार्ट थे और एक वो उत्तराखंड सरकार को दे चुके हैं। एक रिसार्ट वो खुद रखना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर दोनों राज्यों पर नाराजगी जताते हुए आपसी बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने को कहा था।

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