दिहाडी मजदूर की 11 साल की बीमार बेटी की मदद के लिए आगे आया दिल्ली हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-10-31 08:53 GMT

दिल की बीमारी से पीडित 11 साल की लडकी की मदद के लिए दिल्ली हाईकोर्ट आगे आया है। हाईकोर्ट ने गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल लडकी को भर्ती कर तुंरत चिकित्सा सहायता देने के आदेश जारी किए हैं।

ये लडकी एक दिहाडी मजदूर की बेटी है और उसे आपरेशन की जरूरत है। लेकिन पिता उसके इलाज का खर्च नहीं जुटा पा रहे हैं।

जस्टिस विभू बाखरू ने जीबी पंत अस्पताल को बिना रुपये जमा कराए मोहम्मद जाकी की बेटी को भर्ती कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ये जांच कर सकती है कि क्या लडकी के पिता ऐसी सहायता के योग्य हैं या नहीं लेकिन जांच पूरी होने तक उसकी बेटी को इंतजार नहीं कराया जा सकता।

दरअसल उत्तर पूर्वी दिल्ली में रहने वाले मोहम्मद जाकी ने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उसकी बेटी जो लोकनायक अस्पताल में भर्ती है, उसे जीबी पंत अस्पताल में तुरंत आपरेशन करने की सलाह के साथ रैफर किया गया है।

उसकी बेटी को दिल की बीमारी का पता मई, 2017 में चला। LNJP अस्पताल ने उसे जीबी पंत अस्पताल ले जाकर तुरंत आपरेशन करने की सलाह दी। हालांकि जीबी पंत में उससे भर्ती करने के लिए 50 हजार रुपये और आपरेशन के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। ये रुपये देने में असमर्थ जाकी ने अशोक अग्रवाल के माध्यम से दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि जीबी पंत अस्पताल उसकी बेटी को भर्ती करने से इंकार कर रहा है और डॉक्टर आपरेशन के लिए 50 हजार रुपये मांग रहे हैं। वो ये रुपये नहीं दे सकते और जिंदा रहने के लिए बेटी का आपरेशन जरूरी है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अस्पताल बिना पहले रुपये जमा कराए उनकी बेटी को भर्ती करेगा और चिकित्सा सहायता देगा। सरकार ये जांच कर सकती है कि क्या उसे मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा सकती है ? अगर जांच में ये पाया गया कि वो निशुल्क उपचार की हकदार नहीं है तो बाद में रुपये वसूलने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं लेकिन इस जांच के पूरा होने तक लडकी को इलाज से वंचित नहीं रखा जा सकता।


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