निलावेंबू कुदिनियर मामला : मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस को कहा, अगर कमल हासन पर अपराध बनता हो तो दर्ज हो FIR [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-10-26 11:24 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वो एक्टर कमल हासन के खिलाफ शिकायत पर गौर करे और अगर आरोपों में दम है तो उनके खिलाफ FIR दर्ज करे।

ये शिकायत कमल हासन द्वारा पिछले हफ्ते ट्वीट के बाद की गई जिसमें एक्टर ने फैन्स को कहा था कि वो  डेंगू के लिए हर्बल दवा निलावेंबू कुदिनियर को ना बांटे जब तक इस पर पूरी तरह शोध नहीं हो जाता।

हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि उन्होंने विवाद में चल रही एक दवा के अत्याधिक मात्रा में दिए जाने से बचने का ट्विट किया था।

शिकायतकर्ता जी देवराजन ने आरोप लगाया है कि हासन सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल कर झूठी अफवाह फैला रहे हैं और सरकार के खिलाफ राय दे रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कमल हासन राजनीतिक कारणों से   सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और राज्य में शांति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

शिकायतकर्ता ने पुलिस को एक्टर के खिलाफ साइबर लॉ और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।

हालांकि चेन्नई के पुलिस कमिश्नर ने FIR दर्ज ना करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें इसमें कोई अपमानजनक नहीं लगा।

लेकिन जस्टिस एम एस रमेश इस दलील से सहमत नहीं दिखे और उन्होंने कहा कि पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने पुलिस को 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक जांच के आदेश दिए ताकि ये तय हो सके कि इस मामले में कोई संज्ञेनीय अपराध बनता है या नहीं।

कोर्ट ने कहा कि अगर जांच में खुलासा होता है कि ये संज्ञेनीय अपराध बनता है तो FIR दर्ज की जाए। अगर पहले से FIR दर्ज ना हुई हो या बंद ना की गई हो। अगर प्रारंभिक जांच में केस बंद किया जाए तो केस बंद करने के कारण क्लोजर रिपोर्ट में दर्ज किए जाएं और इसकी एक प्रति एक हफ्ते में शिकायतकर्ता को दी जाए।

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