मद्रास हाई कोर्ट ने जयललिता की मौत के लिए बनाए गए जांच कमिशन का विरोध करने वाली याचिका खारिज की

Update: 2017-10-05 08:25 GMT

मद्रास हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एआईएडीएमके की सुप्रीमो रही जे. जयललिता की मौत के मामले की जांच के लिए बनाए गए जांच कमिशन को चुनौती दी थी। याचिका में कमिशन पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा गया था कि ये अवैध है।

चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एम. सुंदर की बेंच ने राज्य सरकार के आदेश में दखल से इनकार कर दिया। राज्य सरकार ने रिटायर जस्टिस अरुमुग्स्वामी की एक सदस्यीय कमिटी को मामले की जांच करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने कहा था कि कमिशन का गठन बिना असेंबली में प्रस्ताव पारित किए किया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि ये  दलील खारिज की जाती है क्योंकि ऐसा करना अनिवार्य नहीं है यानी असेंबली से प्रस्ताव पारित कराना अनिवार्य नहीं है।

हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि एक सदस्यीय जांच कमिशन के लिए सरकार का नोटिफिकेशन ही पर्याप्त है और इसके लिए विधानसभा के प्रस्ताव पारित कराने की अनिवार्यता नहीं है।

पीए जोसेफ नामक शख्स की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा था कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि एआईएडीएमके के एमएलए और एमपी ने जिसस तरह से जयललिता के हॉस्पिटलाइजेशन के दौरान बयान जारी किए थे और इलाज से लेकर उनकी मौत के बारे में गलत जानकारी दी गई थी उसकी भी जांच होनी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि जयललिता के इलाज और हॉस्पिटलाइजेशन के एपिसोड में पूरी राज्य सरकार लिप्त थी इस दौरान उनकी मौत हुई। ऐसे में ये जरूरी है कि केंद्र सरकार कदम उठाए और एक स्वतंत्र जांच आयोग का गठन करे।

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