निर्भया फंड के वितरण पर नाराज सुप्रीम कोर्ट, कहा एकीकृत सिस्टम के लिए बनाएंगे गाइडलाइन [आर्डर पढ़े]

Update: 2017-10-02 10:28 GMT

निर्भया फंड के इस्तेमाल करने के लिए कोई मैकेनिज्म ना होने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि निर्भया फंड के सही तरीके से इस्तेमाल में लाए जाने को लेकर वो सुनवाई करेगा और गाइडलाइन जारी करेगा।

मामले की सुनवाई करते हुए नाराज जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने इसे “ अनहैप्पी स्टेट ऑफ अफेयर्स” बताते हुए कहा है कि यौन उत्पीडन की पीडितों को दिए जाने वाले मुआवजे के वितरण, प्रबंधन और भुगतान का कोई एकीकृत सिस्टम नहीं है। प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि ये फंड केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को दे दिया जाता है लेकिन पीडितों को मुआवजा नहीं मिलता। ऐसा कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है कितनी पीडितों को मुआवजा मिला, कितना मिला, इसमें कितना वक्त लगा और किस चरण पर मुआवजा दिया जाना चाहिए। ऐसे में इस नजरअंदाजी की शिकार कोई और नहीं बल्कि वो ही हो रही हैं जो पहले ही यौन उत्पीडन की शिकार हुई हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एमिक्स क्यूरी इंदिरा जयसिंह और केंद्र सरकार को मुआवजे के लिए एकीकृत सिस्टम का सुझाव देने, ऐसी पीडिताओं के पुनर्वास के लिए कदम उठाने और कम से कम उस पीडा को कम करने के उपाय देने के लिए कहा है जो वो झेल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई चार अक्तूबर को करेगा और कोर्ट ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के सदस्य को सुनवाई के दौरान मौजूद रहे को कहा है।


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